सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को केंद्र को 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने और स्मारक हॉल व संग्रहालय बनाने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि जश्न मनाने का सबसे अच्छा तरीका कड़ी मेहनत करना है, जैसे नेता जी ने कड़ी मेहनत की।
सवाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है: CJI
याचिका को खारिज करते हुए CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में नेताजी के योगदान को याद करने का सबसे अच्छा तरीका कड़ी मेहनत करना और छुट्टियों में शामिल नहीं होना है। सीजेआई ने कहा कि जिस तरह नेताजी ने कड़ी मेहनत की उसी तरह सबको देश के लिए कड़ी महनत कर उनकी जयंती को मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सवाल पूरी तरह से सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और न्यायपालिका इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।
CJI ने मामले में याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने मामले में याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि ऐसी याचिकाएं समय की बर्बादी हैं और जनहित याचिका तंत्र का दुरुपयोग हैं। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील के. के. रमेश से कहा कि अदालत के अधिकार क्षेत्र को गंभीरता से लें, आप एक वकील भी हैं। मुख्य न्यायाधीश ने वकील से जनहित याचिका का मजाक नहीं बनाने को कहा।
याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से मांगे गए निर्देश स्पष्ट रूप से कार्यकारी नीति के दायरे में आते हैं। मदुरै के निवासी रमेश ने याचिका दाखिल कर नेती जी की जयंती पर छुट्टी घोषित करने की मांग की थी।
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