Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक का कार्यकाल बढ़ाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को नोटिस जारी करते हुए केंद्र और सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) से जवाब मांगा। इन याचिकाओं में उस संशोधित कानून को चुनौती दी गई है, जिसके तहत डायरेक्टर के कार्यकाल में पांच साल तक के विस्तार की अनुमति दी गई है।
8 याचिकाओं पर हुई नोटिस जारी
CJI एन वी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 8 याचिकाओं पर केंद्र, सीवीसी और मौजूदा ED डायरेक्टर सहित प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और जया ठाकुर तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने भी याचिकाएं दाखिल की हैं। वकील एम एल शर्मा ने इस मामले पर पहली याचिका दायर की थी।
पीठ ने कहा, "केंद्रीय कानून एजेंसी को नोटिस जारी किया जाए। मामले को 10 दिन बाद के लिए सूचीबद्ध किया जाए।" सुरजेवाला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और कहा कि निश्चित कार्यकाल "स्वतंत्रता की पहचान" है और इस तथ्य से कि पदाधिकारी को विस्तार मिल सकता है, पद की स्वतंत्रता "ध्वस्त" हो जाएगी। सुनवाई के दौरान पीठ को सीवीसी और फेमा कानूनों के तहत ED डायरेक्टर की नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में बताया गया।
पिछले साल रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले एक अध्यादेश हुआ था जारी
सिंघवी ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विपरीत, ईडी निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति में केवल कार्यपालिका के लोग शामिल होते हैं। मामले में एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि वर्तमान ED डायरेक्टर इस साल इस पद पर चार साल पूरे कर रहे हैं, और पिछले साल 18 नवंबर को उनकी सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले एक अध्यादेश जारी किया गया था, जिसमें उनके कार्यकाल को एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया था।
सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट को दी गई चुनौती
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की नेता जया ठाकुर की ओर से अधिवक्ता शशांक रत्नू और वरुण पेश हुए, जिन्होंने इस मामले में एक अलग जनहित याचिका दायर की है। अधिवक्ता एमएल शर्मा, जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में याचिका दायर की है, शर्मा ने कहा कि संवैधानिक योजना का उल्लंघन कर अध्यादेश पारित किया गया था। इस मुद्दे पर कुल आठ याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें से ज्यादातर में Central Vigilance Commission (Amendment) Act-2021 को चुनौती दी गई है जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने का प्रावधान है।
ED और CBI निदेशकों को पद पर 5 साल तक रहने देने के लिए अध्यादेश लाए जाने के कुछ दिन बाद केंद्र ने 17 नवंबर 2021 को ED प्रमुख संजय मिश्रा के कार्यकाल को 18 नवंबर 2022 तक बढ़ा दिया था।
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