नई दिल्ली: गुजरात दंगों के संबंध में कथित तौर पर सबूत गढ़ने के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को नियमित जमानत दे दी है। शीर्ष अदालत ने तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देते हुए गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से जुड़े मामले में गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया गया है, हिरासत में पूछताछ की जरूरत नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के एक जुलाई के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से जुड़े मामले में सरेंडर करने के लिए कहा गया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच जुलाई को तीस्ता सीतलवाड़ अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया था। इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने सीतलवाड़ की नियमित जमानत की याचिका खारिज कर दी थी और गोधरा कांड के बाद के दंगों के मामलों में बेकसूर लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने के एक मामले में उन्हें तुरंत सरेंडर करने का निर्देश दिया था।
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