Supreme Court CJI: केंद्र सरकार ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित को पत्र लिखकर उनसे अपना उत्तराधिकारी नामित करने के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने CJI को पत्र शुक्रवार सुबह ही भेजा है। बता दें कि न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित आठ नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ सीजीआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और इस पद के प्रमुख दावेदार हैं। प्रधान न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश को नामित करते हैं। इस परंपरा के अनुसार, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50वें प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं।
27 अगस्त को नियुक्त हुए थे चीफ जस्टिस
इससे पहले पिछले 27 अगस्त को जस्टिस यूयू ललित ने देश के 49 वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली थी। राष्ट्रपति भवन में उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। जस्टिस उदय उमेश ललित ने जस्टिस एनवी रमना की जगह ली, जोकि कल 26 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश के रूप में रिटायर हुए थे।
क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं जस्टिस यूयू ललित
जस्टिस उदय उमेश ललित क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। उन्हें 13 अगस्त 2014 को सीधे बार से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद उन्हें मई 2021 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सभी 2G मामलों में CBI के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स में हिस्सा ले चुके हैं। वे दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पिता रह चुके हैं बॉम्बे हाईकोर्ट के जज
जस्टिस यूयू ललित को कानून और न्याय का ज्ञान उन्हें अपने परिवार की विरासत में मिला है। जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित एक जाने-माने वकील रहे हैं। न्याय के क्षेत्र के इस सफर को उनके बेटे आरयू ललित ने एक कदम और आगे बढ़ाया और वह वकील से बॉम्बे हाईकोर्ट के जज नियुक्त हुए। जस्टिस यूयू ललित अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील रहे, फिर सुप्रीम कोर्ट के जज बने और अब देश के मुख्य न्यायाधीश पद तक पहुंचे हैं।
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