सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने फरवरी 2022 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के गाड़ी पर गोली चलाने वाले आरोपियों को जमानत देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट(High Court) द्वारा पारित आदेश को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को आज से एक हफ्ते के अंदर जेल अथॉरिटी के सामने खुद को सरेंडर करने का निर्देश दिया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से सबूतों को ध्यान में रखते हुए आरोपी की जमानत याचिका पर नए सिरे से फैसला करने के लिए कहा है।
इसी साल फरवरी में हुआ था हमला
आपको बता दें कि इसी साल फरवरी में AIMIM चीफ किठौर, मेरठ में एक चुनावी कार्यक्रम के बाद दिल्ली जा रहे थे, तभी छिजारसी टोल प्लाजा के पास उनकी गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं थी। हालांकि गोलीबारी में ओवैसी को कुछ नहीं हुआ, वे बाल-बाल बच गए। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए हमलावरों की पहचान कर उनको गिरफ्तारा कर लिया था। इसके बाद आरोपियों ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि उन्हें ओवैसी के भाषणों पर गुस्सा था।
आरोपी ने बताया था हमले का कारण
ओवैसी पर गोलियां बरसाने वाले आरोपियों में एक सचिन का एक कबूलनामा भी सामने आया था। इसमें सचिन शर्मा ने पुलिसवालों से कहा था कि 2014 में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी का एक बयान आया था, उसमें उन्होंने कहा कि ये जो ताजमहल है और कुतुब मीनार है ये सब हमारे बाप-दादाओं का है। सचिन ने बताया था कि उस बयान को सुनकर मुझे बुरा लगा था और गस्सा था।
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