दिल्ली शराब घोटाला मामले में सिसोदिया के खिलाफ क्यों दर्ज हुई सप्लिमेंट्री चार्जशीट? यहां जानिए
राउज एवन्यू कोर्ट 12 मई को CBI द्वारा मनीष सिसोदिया के खिलाफ दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर सुनवाई करेगा।
नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति मामले में CBI ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 4 लोगों के खिलाफ मंगलवार को सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बुच्ची बाबू, अर्जुन पांडेय और अमनदीप ढाल के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में पूरक आरोपपत्र दायर किया है। CBI शराब नीति में हुई कथित अनियमितता को लेकर जांच कर रही है। सीबीआई ने अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में कई दौर की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
‘पूर्व उपमुख्यमंत्री ही घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता’
ED भी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर सिसोदिया से पूछताछ करते हुए दावा कर रही है कि इस केस में हुए भ्रष्टाचार में पूर्व उपमुख्यमंत्री ही मुख्य साजिशकर्ता हैं। आरोप है कि दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। राउज एवन्यू कोर्ट 12 मई को CBI द्वारा दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर सुनवाई करेगा। CBI ने इससे पहले गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि मनीष सिसोदिया गंभीर आर्थिक अपराध में शामिल हैं।
CBI ने जोड़ी IPC की धारा 201
सप्लिमेंट्री चार्जशीट में एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 201 को जोड़ा है जो सबूतों को नष्ट करने से संबंधित है। सूत्रों का कहना है कि इसे अभी भी लापता 'कैबिनेट नोट' के कारण जोड़ा गया है। इस कैबिनेट नोट को कैबिनेट और GOM के सामने पेश किया जाना था। सीबीआई का अभी भी कहना है कि लापता मोबाइल फोन के रूप में सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया जा रहा है, हालांकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आप ने इन दावों को खारिज किया है। भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत गिरफ्तारी के 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दायर करनी होती है।
केजरीवाल भी दर्ज करवा चुके हैं बयान
हिरासत में पूछताछ के दौरान एजेंसी ने सिसोदिया का सामना आबकारी विभाग में उनके तत्कालीन सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त अरावा गोपी कृष्ण से कराया था। सीबीआई ने मामले में गवाह के तौर पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान भी दर्ज किया है. केजरीवाल से नौ घंटे तक पूछताछ हुई। उन्होंने दावा किया था कि 9 घंटे में उनसे 56 सवाल पूछे गए। हालांकि, CBI ने कहा है कि उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए और जवाब दाखिल किया।
केजरीवाल ने सारा ठीकरा सिसोदिया पर फोड़ा!
सीबीआई ने अपने रिप्लाई में यहां तक कहा था कि केजरीवाल ने पूछताछ में बताया है कि उनसे कोई जानकारी नहीं ली, यानी केजरीवाल ने भी सारा ठीकरा सिसोदिया पर ही फोड़ दिया है। इस मामले की सुनवाई बुधवार को होगी। सीबीआई ने सबूत नष्ट करने के अलावा धोखाधड़ी की धारा 420 भी जोड़ी है और आईपीसी की धारा 477-ए को हटा दिया है। इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के 8 और 12 को जोड़ा गया है।