बालेश्वर (ओडिशा): DRDO ने ओडिशा तट से कम दूरी की मारक क्षमता वाली, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल का मंगलवार को सफल परीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर स्थित परीक्षण केन्द्र से दोपहर 3:08 बजे किया गया। इसे भारतीय नौसेना के विभिन्न पोतों पर तैनात किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सभी हथियार प्रणाली के समेकित कामकाज का सत्यापन करने के लक्ष्य से मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय नौसेना सहित मिसाइल प्रणाली परियोजना से जुड़े सभी लोगों/संगठनों/प्रतिष्ठानों को बधाई दी।
भारतीय नौसेना के जहाजों से मिसाइल के भविष्य के प्रक्षेपण के लिए आवश्यक नियंत्रक, कनस्तरीकृत उड़ान वाहन, हथियार नियंत्रण प्रणाली आदि के साथ वर्टिकल लॉन्चर यूनिट सहित सभी हथियार प्रणाली घटकों के एकीकृत ऑपेरशन को मान्य करने के लिए आज प्रणाली का शुभारंभ किया गया। पहला परीक्षण 22 फरवरी 2021 को आयोजित किया गया था और यह कॉन्फ़िगरेशन और एकीकृत ऑपेरशन के निरंतर प्रदर्शन को साबित करने के लिए पुष्टिकरण परीक्षण है।
मंत्रालय ने बताया कि यह प्रणाली हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमता को और मजबूत बनाएगी। इसने एक बयान में कहा, ‘बेहद कम ऊंचाई वाले एक इलेक्ट्रॉनिक निशाने के खिलाफ मिसाइल को वर्टिकल लांचर से दागा गया। मिसाइल की उड़ान, उसके पथ और अन्य आंकड़ों, मानदंडों को रिकॉर्ड किया गया।’ बयान के अनुसार, मिसाइल की प्रणाली ने आशा के अनुरुप काम किया। उसमें कहा गया है कि परीक्षण को DRDO और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा। DRDO के प्रमुख जी. सतीश रेड्डी ने सफल परीक्षण में शामिल दलों को बधाई दी है।
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