SSC Scam: शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी की गिरफ्त में मौजूद पूर्व मंत्री पार्थ चैटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी से लगातार उनकी प्रॉपर्टी और करोड़ों रुपये कैश के बारे में पूछताछ चल रही है। अर्पिता मुखर्जी की जिन प्रोपर्टी से करोड़ों रुपये कैश और ज्वैलरी बरामद हुई है उसका आखिर ईडी को पता कहां से लगा। ये जानना भी अहम है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में बीरभूम के बोलपुर के शांतिनिकेतन में पार्थ चैटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का APA नाम से एक फॉर्म हाउस है। ये फार्म हाउस इन दोनों के ही नाम पर है।
ED को यहां से मिली थी बड़ी लीड
असल में पश्चिम बंगाल के बीरभूम डिस्ट्रिक्ट के बोलपुर इलाके के शांतिनिकेतन में पार्थ चैटर्जी ने साल 2012 में एक फॉर्म हाउस खरीदा था, उस वक्त इस फॉर्म हाउस की कीमत 20 लाख रुपए थी, जिसे साल 2020 में पार्थ ने अर्पिता के नाम कर दिया। इस फॉर्म हाउस का नाम APA यानी अर्पिता और पार्थ के नाम से रखा गया। नॉर्थ कोलकाता से यहां की दूरी करीब 160 किलोमीटर है, यहां ज्यादातर बड़े लोगों ने फॉर्म हाउस बनाए हुए हैं, जहां अक्सर पार्टियां होती हैं। ईडी को ये जानकारी मिली कि अर्पिता के इस फॉर्म हाउस पर तमाम अहम दस्तावेज हैं जिसमें प्रॉपर्टी की लिस्ट, घोटाले में इस्तेमाल किए गए दस्तावेज और कई नाम मिल सकते हैं।
...और फिर APA फॉर्म हाउस पर ईडी ने मारा छापा
ईडी को जैसे ही ये इनपुट मिला कि इस फार्म हाउस पर घोटाले से जुड़े इतने सारे सबूत हो सकते हैं, ईडी की टीम ने APA के इस फॉर्म हाउस पर रेड्स की और यहां से कई अहम दस्तावेज बरामद किए। उसके बाद अर्पिता की उन प्रोपर्टी का पता लगा जहां से 50 करोड़ के लगभग कैश और ज्वैलरी बरामद हुई। ईडी को जानकारी मिली कि इस फॉर्म हाउस में साल-6 महीने में अर्पिता और पार्थ चैटर्जी अपनी महंगी गाड़ियों के काफिले के साथ सुबह-सुबह आया करते थे और देर रात निकल जाया करते थे।
जांच में क्यों महत्वपूर्ण साबित हुआ ये फार्महाउस
फिलहाल इस फॉर्म हाउस में झारना दास नाम की एक महिला केयरटेकर रहती है लेकिन वो कैमरे के सामने नहीं आई, ईडी की रेड्स के बाद से यहां सन्नाटा है। बताया जाता है कि अर्पिता और पार्थ के गेस्ट यहां आते रहते थे और अर्पिता और पार्थ 6 महीने या एक साल में यहां आते थे। ये फॉर्म हाउस इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योकि जांच के बाद इसी फॉर्महाउस में छापेमारी करके इन दोनों की काली कमाई के सबूत ईडी के हाथ लगे, जिसके बाद इतनी बड़ी कैश की रिकवरी और प्रोपर्टीयों के बारे में ईडी को सुराग लगे।
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