A
Hindi News भारत राष्ट्रीय मां सीता करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति का प्रतीक, श्रीलंका में कुंभाभिषेकम पूजा पर बोले श्री श्री रविशंकर

मां सीता करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति का प्रतीक, श्रीलंका में कुंभाभिषेकम पूजा पर बोले श्री श्री रविशंकर

श्रीलंका के नुवारा एलिया में सीता अम्मन मंदिर में कुंभाभिषेकम पूजा के अवसर पर श्रद्धा से आकर्षित होकर दूर-दूर से श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर एकत्र हुए हैं। इस बीच श्री श्री रविशंकर ने कहा कि मां सीता करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति का प्रतीक हैं।

श्री श्री रविशंकर - India TV Hindi Image Source : SCREESHOT(ANI, TWITTER) श्री श्री रविशंकर

श्रीलंका के नुवारा एलिया में सीता अम्मन मंदिर में कुंभाभिषेकम पूजा चल रही है। इस मौके पर दुनियाभर से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं। जानकारी दे दें कि सीता एलिया या अशोक वाटिका वह स्थान माना जाता है जहां देवी सीता को रावण ने बंधक बनाकर रखा था। इस मौके पर श्री श्री रविशंकर कहते हैं, "यह वह स्थान है जहां सीता जी को आशा मिली थी, हनुमान जी आए थे और उन्हें आशा दी थी कि श्री राम आ रहे हैं और राम राज्य स्थापित होने जा रहा है। यह जगह पूरी दुनिया की महिलाओं के लिए एक उम्मीद होगी कि सच्चाई की हमेशा जीत होगी और महिलाएं वास्तव में शक्तिशाली हैं। मैंने सरकार (श्रीलंकाई) से रामायण और इसकी शिक्षाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया है।"

'राम राज्य का अर्थ है कि...'

सीता अम्मन मंदिर में कुंभाभिषेकम पूजा पर श्री श्री रविशंकर ने कहा, "यह एक महान अवसर है कि माता सीता के मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया है। मां सीता करुणा, मातृत्व और सहनशक्ति का प्रतीक हैं। यह एक ऐतिहासिक स्थान है जहां पूरा महाद्वीप मानता है कि कैसे सीता माता यहां अशोक वन में थीं और हनुमानजी से उनकी मुलाकात हुई थी। आज हमारे पास हनुमानजी की जन्मस्थली से, सीता की जन्मभूमि जनकपुरी से, श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या से प्रसाद है। यह सभ्यताओं के बीच हमारे प्राचीन संबंध की पुनः पुष्टि करेगा। हमें उन मूल्यों को वापस लाने की जरूरत है जो खत्म हो रहे हैं। राम राज्य का अर्थ है कि हम अपना जीवन प्रकृति के नियमों, सद्भाव, समृद्धि और खुशी के अनुसार जिएं।"

सीता एलिया के शांत गांव में स्थित सीता अम्मन मंदिर, प्राचीन कथाओं के अनुसार, कथित स्थान के रूप में गहरा पौराणिक महत्व रखता है, जहां देवी सीता को रावण ने बंदी बना लिया था। प्राचीन परंपराओं और दैवीय श्रद्धा से गूंजता यह कार्यक्रम भारत और श्रीलंका के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।

ये भी पढ़ें- डॉक्टर आखिर सफेद रंग का ही कोट क्यों पहनते हैं
MBBS करने के लिए देश में सबसे सस्ते मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? 
 

 

 

Latest India News