Sri Nagar Football Stadium: जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की तीसरी वर्षगांठ पर श्रीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम बनाया है। स्टेडियम का निर्माण फीफा के नियमों पर किया गया है। श्रीनगर के सदियों पुराने बख्शी स्टेडियम को एक नया रूप दिया गया है और इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए अपग्रेड किया गया है। 20000 से अधिक लोगों की क्षमता के साथ स्टेडियम पर 44 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। स्टेडियम में डे और नाइट मैच और टूर्नामेंट दोनों आयोजित किए जा सकते हैं। कश्मीर हमेशा फुटबॉल के लिए जाना जाता है क्योंकि यह कश्मीरी युवाओं में सबसे पसंदीदा रहा है। और नए अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम से खेलों को और बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को अपने ही शहर में एक अंतरराष्ट्रीय मंच मिलेगा।
जम्मू कश्मीर खेलों का हब बनता जा रहा है -मनोज सिन्हा
अंतरराष्ट्रीय स्तर का तैयार हुआ स्टेडियम को लेकर जम्मू कश्मीर के गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा कि बख्शी स्टेडियम हमेशा उन युवाओं के लिए सपनों का स्थान रहा है जिन्होंने इसे खेल में इतना बड़ा बनाया है। उन्नत और पुनर्निर्मित स्टेडियम उन लोगों को सौंपा जा रहा है जो खेल से प्यार करते हैं। यह पीएम मोदी ही थे, जिन्होंने स्पष्ट आदेश दिए थे कि इस स्टेडियम को फीफा के मानकों के अनुसार बनाया जाए। मुझे खुशी है कि 50 करोड़ की लागत से हम घाटी के युवाओं को स्टेडियम सौंप रहे हैं। मैं खेल परिषद और इससे जुड़े सभी लोगों का आभारी हूं। भारत को गौरवान्वित करने के लिए मुझे जम्मू-कश्मीर के युवाओं पर आशा और गर्व है। जम्मू कश्मीर खेलों का हब बनता जा रहा है।
स्टेडियम की खासियत
स्टेडियम में छह ब्लॉक हैं जिनमें फूड कोर्ट और कई अन्य सुविधाएं होंगी। स्टेडियम में एक विशेष कमेंट्री बॉक्स, वीवीआईपी बॉक्स और ड्रेसिंग हॉल है। स्टेडियम को प्राकृतिक घास का मैदान मिलेगा और इसमें चार फ्लडलाइट होंगे। भारत सरकार जम्मू-कश्मीर को स्पोर्ट्स हब बनाने पर जोर दे रही है।
इस स्टेडियम से हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी मिलेंगे -बिल्क़ीस कोच
स्टेडियम को लेकर फुटबॉल कोच बिल्क़ीस ने कहा कि जितना बेहतर बुनियादी ढांचा, उतनी ही बेहतर प्रतिभा। मुझे उम्मीद है कि इस स्टेडियम के खुलने के बाद हमारे पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी होंगे। फीफा के नियमों के मुताबिक सारे इंतजाम किए गए हैं। मैं हमेशा उम्मीद करता हूं कि कश्मीरियों में फुटबॉल के प्रति जो जुनून है, वह उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
भारत सरकार पिछले तीन वर्षों से जम्मू-कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, न केवल फुटबॉल, बल्कि कश्मीर में कई खेल शुरू किए जा रहे हैं और इसके लिए युवाओं को बुनियादी ढांचा प्रदान किया जाता है। सरकार युवाओं को नशे और अन्य बुराइयों से दूर रखना चाहती है।
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