Sri Lanka Crisis: विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को कहा कि गंभीर आर्थिक संकट से जल्द से जल्द उबरने में श्रीलंका को मदद करने में भारत सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि कई सहयोगी देशों को पड़ोसी देश की आर्थिक स्थिति के समाधान की जरूरत के बारे में बताया है। स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इसके चलते देश में भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है।
"श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने में मदद करने को भारत तैयार"
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि भारत, श्रीलंका के साथ सहयोग करने में सबसे आगे रहा है ताकि वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके ।’’ क्वात्रा की यह टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब एक दिन पहले ही विदेश सचिव ने श्रीलंका का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने में मदद करने को भारत तैयार है। यह भारत द्वारा निवेश, सम्पर्क और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाकर किया जा रहा है। क्वात्रा ने कहा कि भारत ने अनेक सहयोगी देशों को यह बताया है कि श्रीलंका की आर्थिक स्थिति के मामले का समाधान निकाला जाना चाहिए ।
भारत की 'नेबर्स फर्स्ट नीति' के केंद्र में है श्रीलंका
विनय क्वात्रा कहा कि भारत ने ‘सबसे पहले प्रतिक्रिया’ देते हुए श्रीलंका की सहायता की। श्रीलंका, भारत की अपनी 'नेबर्स फर्स्ट नीति' के केंद्र में है। विदेश सचिव ने कहा कि श्रीलंका में शांति, समृद्धि और स्थिरता भारत के रूख का बुनियादी तत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए जरूरत की इस घड़ी में श्रीलंका की सहायता के लिये हम सबसे आगे रहे हैं । उन्होंने कहा कि इस वर्ष के शुरुआत से अब तक भारत चार श्रेणियों में श्रीलंका को 3.5 अरब डालर की वित्तीय सहायता दे चुका है।
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