Sri Lanka Crisis: केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया कि भारत की ओर से दी जाने वाली विकास सहायता के प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा पड़ोसी देश श्रीलंका है। सरकार ने बताया कि श्रीलंका को कुल मिलाकर 2.68 अरब अमेरिकी डॉलर की 13 लोन सहायता प्रदान की गई हैं। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने यह जानकारी दी।
2.68 अरब डॉलर की 13 ऋण सहायता दी
विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यसभा में कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देता है और भारत की ‘‘पड़ोसी प्रथम’’ संबंधी नीति स्थिरता और समृद्धि के लिए फायदेमेंद, लोगों के उन्मुख क्षेत्रीय संरचनाओं के निर्माण पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विकास सहायता के प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में से एक है। श्रीलंका के लिए भारत की समग्र सहायता 5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिसमें से लगभग 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर सहायता अनुदान है और शेष रियायती ऋण है।’’ मुरलीधरन ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर 2.68 अरब अमेरिकी डॉलर की 13 ऋण सहायता श्रीलंका को प्रदान की गई है।’’
आर्थिक चुनौतियों के समाधान में भी सहयोग
गौरतलब है कि श्रीलंका गंभीर वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण वहां खाना, ईंधन और दवाओं सहित जरूरी चीजों के आयात में दिक्कत आ रही है। मुरलीधरन ने कहा कि भारत ने श्रीलंका के आर्थिक विकास में सहायता करना जारी रखा है और साथ ही उसकी आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने में भी सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि जनवरी, 2022 में भारत ने दक्षिण एशियाई देशों के क्षेत्रीय संगठन (दक्षेस) ढांचे के तहत श्रीलंका के साथ 40 करोड़ डॉलर मुद्रा की अदला-बदली की और एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के उत्तरोत्तर भुगतान को छह जुलाई 2022 तक स्थगित कर दिया।
जरूरत की चीजें खरीदने के लिए भी सहायता
मुरलीधरन ने कहा कि भारत से ईंधन आयात करने के लिए श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की गई और इसके अलावा भारत से भोजन और दूसरी जरूरी चीजों की खरीद के लिए 1 अरब डॉलर की सुविधा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि लगभग 6 करोड़ रुपये मूल्य की जरूरी दवाएं, मिट्टी का तेल और यूरिया उर्वरक की खरीद के लिए 5.5 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने व्यापक भारतीय सहायता प्रयासों के तहत 1.6 करोड़ डालर मूल्य का चावल, दूध पाउडर और दवाओं का योगदान किया। तमिलनाडु सरकार ने दूध पाउडर और दवाएं उपलब्ध करवाईं।
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