विमानन क्षेत्र के नियामक DGCA ने स्पाइसजेट के एक पायलट का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिया। DGCA ने ये एक्शन स्पाइसजेट के एक विमान के खराब मौसम में गंभीर रूप से हिलने-डुलने और कई यात्रियों के घायल होने की घटना के सिलसिले में लिया है। यह घटना एक मई को हुई थी। विमान मुंबई से दुर्गापुर की उड़ान पर था। उस समय बताया गया था कि विमान के गंभीर वायुमंडलीय विक्षोभ (टर्ब्यूलेंस) के संपर्क में आने के कारण उसमें सवार 14 यात्री और चालक दल के तीन सदस्य घायल हो गए थे।
लाइसेंस निलंबित करने के कई और हैं कारण
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि अलग-अलग उल्लंघनों की वजह से विमान के प्रमुख पायलट का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पायलट खराब मौसम की स्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकता था। इसके अलावा लाइसेंस निलंबित करने के और भी कई कारक हैं। इस कार्रवाई पर विमानन कंपनी स्पाइसजेट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस मामले की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा था। डीजीसीए के अनुसार मुंबई-दुर्गापुर की इस उड़ान में दो पायलट और चालक दल के चार अन्य सदस्यों समेत 195 लोग सवार थे।
DGCA ने स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस दिया
गौरतलब है कि विमानन नियामक डीजीसीए ने जून महीने में तकनीकी खामी की आठ घटनाओं के बाद स्पाइसजेट को जुलाई में कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नियामक ने सुरक्षा की अनदेखी, अपर्याप्त रखरखाव और भुगतान की वजह से कलपुर्जों की कमी को चिह्नित किया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि स्पाइसजेट एयरलाइन विमान नियम, 1937 की 11वीं अनुसूची और नियम 134 की शर्तों के तहत ‘‘सुरक्षित, दक्ष और विश्वसनीय हवाई सेवाओं को सुनिश्चित करने’’ में नाकाम रही है। नोटिस में कहा गया है, ‘‘घटनाओं की समीक्षा से पता चलता है कि आंतरिक सुरक्षा निरीक्षण खराब है और रखरखाव को लेकर पर्याप्त कदम नहीं (चूंकि ज्यादातर घटनाएं कलपुर्जों या प्रणाली के काम न करने से संबंधित हैं) उठाये जाने से सुरक्षा में कमी आयी है।’’
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