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Hindi News भारत राष्ट्रीय सीता के देश से अयोध्या आए खास 'मेहमान', किए रामलला के दर्शन

सीता के देश से अयोध्या आए खास 'मेहमान', किए रामलला के दर्शन

सीता के देश नेपाल से खास मेहमान भारत आए और अयोध्या में उन्होंने रामलला के दर्शन किए। ये हैं नेपाल के पूर्व नरेश, जिनका नाम है ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह।

सीता के देश से अयोध्या आए खास 'मेहमान', किए रामलला के दर्शन- India TV Hindi Image Source : FILE सीता के देश से अयोध्या आए खास 'मेहमान', किए रामलला के दर्शन

UP News: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए दुनिया लालायित है। राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरशोर से हो रहा है। नेपाल और दक्षिण भारत से लाए विशेष पत्थरों का उपयोग भी राम मंदिर निर्माण कार्य में हो रहा है। इसी बीच सीता के देश नेपाल से खास मेहमान भारत आए और अयोध्या में उन्होंने रामलला के दर्शन किए। ये हैं नेपाल के पूर्व नरेश, जिनका नाम है ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह। उन्होंने उत्तर प्रदेश आने के बाद खासतौर पर अयोध्या जाने की मंशा जाहिर की थी। लिहाजा सीता के देश से आए खास मेहमान के लिए दर्शन का प्रबंध किया गया। 

नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह ने रविवार को अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने ' बताया कि नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम सिंह उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दौरान लखनऊ में अयोध्या जाने की ख्वाहिश जाहिर की थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने उनकी अयोध्या यात्रा का प्रबंध किया। 

राम मंदिर निर्माण का लिया जायजा, हनुमानगढ़ी भी गए 

जिलाधिकारी ने बताया कि ज्ञानेंद्र आज सुबह राज्य अतिथि के रूप में सपरिवार अयोध्या पहुंचे और राम जन्म भूमि स्थित रामलला तीर्थ के दर्शन किए। इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर के निर्माण कार्य का जायजा भी लिया। उन्होंने बताया कि वह हनुमानगढ़ी मंदिर में भी पूजा अर्चना की और सरयू के किनारे राम की पैड़ी भी गए।

रामलला की प्रतिमा के लिए नेपाल से आया है पत्थर

अयोध्या में रामजी की प्रतिमा के लिए परंपरा का हवाला देकर सीता के देश नेपाल ने भारत को रामलला के निर्माण के लिए ऐतिहासिक, पौराणिक पाषाण देने की बात कही थी। यह आम पत्थर  करोड़ों साल पुराना है, जो नेपाल की पवित्र नदी के किनारे से लिया गया। अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर में रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति जिस पत्थर से बनाई जाएगी वो कोई आम पत्थर नहीं है। बल्कि उसका बड़ा  पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। नेपाल के म्याग्दी जिले के बेनी से पूरे विधि विधान और हजारों लोगों की श्रद्धा के बीच उस पवित्र पत्थर को अयोध्या लाया गया है।

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