Single Use Plastic News: गुवाहाटी के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि संस्थान सिंगल यूज प्लास्टिक(SUP) के ऑप्शन के तौर पर नेचुरल तरीके से नष्ट होने वाले (बायोडिग्रेडेबल) पर्यावरण हितैषी प्लास्टिक को कंज्यूमर्स तक पहुंचाने के लिए इंडस्ट्री वर्लड से गठजोड़ की कोशिशों में जुटा है। गौरतलब है कि देश में सिंगल यूज वाले प्लास्टिक पर एक जुलाई से बैन लगा दिया गया है। IIT गुवाहाटी के डीन (अनुसंधान और विकास) डॉ.विमल कटियार ने इंदौर में बताया कि संस्थान देश में विकसित बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक, पॉलीमर और रेजिन के जरिये थैलियां (carry bag), खाने की ट्रे, खिलौने और चिकित्सा उपकरण समेत अलग-अलग सामान बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
IIT गुवाहाटी इंडस्ट्रियल समूहों से गठजोड़ की कर रहा कोशिश
डॉ.विमल कटियार ने बताया कि IIT गुवाहाटी देश के अलग-अलग इंडस्ट्रियल समूहों से गठजोड़ की कोशिशों में जुटा है। ताकि इंडस्ट्रयलिस्ट इस संस्थान में बायोडिग्रेडेबल पदार्थों से विभिन्न सामान बनाने के ट्रिक सीख सकें और ये वस्तुएं कंज्यूमर्स तक पहुंच सकें। कटियार, प्लास्टिक उद्योग के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने इंदौर आए थे। इस बीच, देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर स्थित इंडियन प्लास्टपैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने बताया कि उनके इंडस्ट्रियल ग्रुप ने बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक से अलग-अलग सामान बनाने की तकनीक की ट्रेनिंग के लिए IIT गुवाहाटी से हाथ मिलाने का फैसला किया है।
"SUP पर बैन से एमपी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रोडक्शन ठप"
IIT गुवाहाटी के डीन ने बताया कि गठजोड़ को आगे बढ़ाने के लिए इंडियन प्लास्टपैक फोरम का प्रतिनिधिमंडल अगले महीने IIT गुवाहाटी जा रहा है। सचिन बंसल ने बताया,‘‘सिंगल यूज वाले प्लास्टिक पर बैन से अकेले मध्यप्रदेश के कारखानों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रोडक्शन ठप हो गया है। हम सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के समान विकल्प तलाशने में जुटे हैं ताकि इस प्रोडक्शन को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके।’’
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