नयी दिल्ली/पुणे: टीका विनिर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन साइरस पूनावाला ने सोमवार को कहा कि दुनिया के गरीब देश कंपनी के बनाए टीकों का उपयोग कर रहे हैं। इसका कारण टीके की खुराक का सस्ता होना है और इसे ‘एक कप चाय’ की कीमत पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है। पूनावाला ने उद्योग मंडल महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) द्वारा आयोजित पुणे अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिखर सिम्मेलन में यह बात कही।
कार्यक्रम में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार पाने के लिये सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि विश्व की दो-तिहाई आबादी को कंपनी के एक या अधिक टीके दिये गये हैं। पूनावाला ने कहा, ‘‘हमारे अधिकतर टीकों का उपयोग गरीब देश कर रहे हैं। यूनिसेफ और अन्य परमार्थ संगठन टीका खरीदने को आगे आए हैं। हमने अपने कर्मचारियों और वैज्ञानिकों की मदद से इसे सस्ता बनाया है और एक कप चाय की कीमत के बराबर है।’’
पंद्रह से 18 आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक किशोरों का कोविड के विरूद्ध पूर्ण टीकाकरण हुआ: मांडविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा कि 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 1.5 करोड़ से अधिक किशोरों का कोविड-19 के विरुद्ध पूर्ण टीकाकरण हो गया है। मांडविया ने ट्वीट किया,‘‘युवा भारत पूरे जोश से इस महामारी का मुकाबला कर रहा है। 15 से 18 साल तक के आयुवर्ग के डेढ़ करोड़ से अधिक किशोरों का अब पूर्ण टीकाकरण हो गया है।’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अबतक इस आयु वर्ग के 70 फीसदी से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक लग गयी है। भारतीय महापंजीयक के अनुसार, 2021-22 में 15 से 18 साल तक के आयुवर्ग के लाभार्थियों की अनुमानित आबादी 7.4 करोड़ हैं। देशभर में तीन जनवरी, 2022 से 15 से 18 साल के आयुवर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू हुआ था।
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