श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने बुधवार को कहा कि देश में आर्थिक असमानता को लेकर RSS के शीर्ष नेता दत्तात्रेय होसबले की टिप्पणियों को गलत नहीं समझना चाहिए। प्रमोद मुतालिक ने कहा, ''आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने देश के बारे में चिंता और दर्द के साथ बात की थी। गुस्सा दिखाने या गलत संदेश देने का कोई इरादा नहीं है। वह एक राजनेता नहीं है, यह नहीं माना जा सकता है कि वह बीजेपी के खिलाफ गए थे।'' आगे मुतालिक ने कहा कि बीजेपी के भीतर की गलतियों को बताने की जरूरत है। नहीं तो बीजेपी नेता सोचेंगे कि वह जो कुछ भी करते हैं और वह ठीक है।
'मुझे विश्वास नहीं है कि मुसलमानों में राष्ट्रवाद बढ़ेगा'
उन्होंने कहा कि दत्तत्रेय होसबले आरएसएस में दूसरे महत्वपूर्ण स्थान पर हैं। उन्होंने शोध और अध्ययन के बाद वर्तमान यथार्थवादी स्थिति के बारे में खुलासा किया। उनके बयानों को बीजेपी द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए और पार्टी को सुधार के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भारत की आजादी के तुरंत बाद मुसलमानों में राष्ट्रवाद का समावेश हो गया था। देश के मुसलमानों को लेकर कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति की। कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति आतंकवाद, हत्याओं और दंगों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है जो इस देश में देखे जाते हैं। मुझे विश्वास नहीं है कि भविष्य में मुसलमानों में राष्ट्रवाद बढ़ेगा। अगर आरएसएस के नेता मस्जिदों में जाते हैं तब भी उनकी मानसिकता में बदलाव नहीं होगा।
हिंदू समाज को पुलिस विभाग का सहयोग करना चाहिए
प्रमोद मुतालिक ने कहा कि हमारे पास इस बारे में स्पष्टता नहीं है कि हमारे दोस्त और दुश्मन कौन हैं। हजारों सालों से हिंदू अन्य धर्मों के साथ सहिष्णुता से रह रहे हैं। हिंदू समाज में दूसरों पर हमला करने की मानसिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सड़क पर यह कहना कि पीएफआई वापस आएगा, एक चेतावनी है कि पीएफआई अभी भी सक्रिय है। उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए हिंदू समाज को पुलिस विभाग का सहयोग करना चाहिए।
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