'जब पायलट-डॉक्टर दिव्यांग नहीं तो IAS क्यों', पूजा खेडकर विवाद के बीच वरिष्ठ नौकरशाह का सवाल
वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा है कि IAS का काम लंबे समय तक चलने वाला और काफी थका देने वाला होता है। ऐसे में इस प्रीमियर सेवा में आरक्षण देने की जरूरत क्यों है।
ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर के फर्जी सर्टिफिकेट के विवाद ने नई बहस को जन्म दे दिया है। एक वरिष्ठ नौकरशाह स्मिता सभरवाल ने IAS की नौकरी में दिव्यांगों को आरक्षण दिए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि एक IAS का काम काफी थका देने वाला और चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में इस अहम पद पर भर्ती के लिए आरक्षण की जरूरत क्यों है। महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर पर आरोप लगे थे कि उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के दम पर दिव्यांग कोटे से सरकारी नौकरी हासिल की है।
पूजा खेडकर के ऊपर लगे आरोपों की जांच चल रही है। उनकी मां के ऊपर भी बंदूक दिखाकर किसानों को धमकाने के आरोप लगे थे और वह फरार भी थीं। हालांकि, पुलिस ने एक होटल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
स्मिता सभरवाल ने क्या कहा?
वरिष्ठ नौकरशाह स्मिता सभरवा ने सिविल सेवाओं में विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए कोटा की आवश्यकता पर सवाल उठाया है जो अब विवाद का कारण बन रहा है। तेलंगाना वित्त आयोग की सदस्य-सचिव स्मिता सभरवाल ने कहा कि फील्ड वर्क के कारण विकलांग लोगों के लिए ये काम कठिन हो जाता है। उन्होंने सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "दिव्यांगों के प्रति पूरे सम्मान के साथ। क्या कोई एयरलाइन दिव्यांग पायलट को काम पर रखती है? या आप दिव्यांग सर्जन पर भरोसा करेंगे। #AIS (IAS/IPS/IFoS) की प्रकृति फील्ड-वर्क, लंबे समय तक थका देने वाला कई घंटों का काम, लोगों की शिकायतों को सीधे सुनना है। जिसके लिए शारीरिक फिटनेस की आवश्यकता होती है। इस प्रीमियर सेवा को पहले स्थान पर इस कोटे की आवश्यकता क्यों है!"
स्मिता सभरवाल के इस पोस्ट पर कई अधिकारी, इस वृत्ति से जुड़े लोग जिनमें प्रतियोगी परीक्षाओं की ट्रेनिंग देने वाले भी शामिल हैं और आम लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि स्मिता का ये बयान पूरी तरह गलत है और समाज को बांटने वाला है।
पूजा खेडकर पर क्या आरोप?
महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दिव्यांगता सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी हासिल की। जब मेडिकल टेस्ट के लिए उन्हें बुलाया गया तो उन्होंने कोरोना का हवाला देकर टेस्ट के लिए जाने से मना कर दिया। शुरुआत में उनकी पोस्टिंग पुणे में की गई, लेकिन उन्होंने लग्जरी कार और अलीशान बंगले की मांग कर दी। इसके बाद उनकी पोस्टिंग वाशिम जिले में कर दी गई। उनकी मां का वीडियो सामने आने के बाद पूजा पर भी दबाव बना और उनके खिलाफ भी जांच शुरू हो चुकी है।
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