Shashi Tharoor: कांग्रेस के नए अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान खत्म हो गई है। पार्टी को 24 साल बाद पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को मात दी है। इस बीच, शशि थरूर का बयान भी आया है। वहीं, उन्होंने ट्वीट कर बधाई भी दी। थरूर ने शायराना अंजाद में ट्वीट करते हुए ये बता दिया है कि चाहे कोई जीता या हारा लेकिन कांग्रेस परिवार एक है।
शशि थरूर ने ट्वीट किया, "उधर भी अपने ही थे, सब के सब...इधर भी अपने थे, सारे के सारे...तुम जो जीते तो भला क्या जीते?...हम जो हारे तो भला क्या हारे? कांग्रेस परिवार की जीत पर सबको बधाई। जय कांग्रेस!"
कार्यकर्ता ही पार्टी के गुरूर हैं: थरूर
अपने बयान में शशि थरूर ने कहा, "खड़गे साहब के अध्यक्ष बनने पर मैं उन्हें बधाई देने गया। वे कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के समर्थन के लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं।" उन्होंने कहा, "कार्यकर्ता ही पार्टी के गुरूर हैं। मैं चाहता हूं कि पार्टी कार्यकर्ताओं की बात भी सुने। कांग्रेस पार्टी के लिए ये बहुत अच्छा हुआ। सभी कार्यकर्ता अब जाग गए हैं। अब आने वाले चुनावों को पूरे जोश से लड़ेंगे।"
थरूर ने अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया
शशि थरूर ने अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया और कहा कि आज से कांग्रेस पार्टी का पुर्नरुद्धार शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, "मैंने हमेशा यह विचार व्यक्त किया है कि इन चुनावों का परिणाम चाहे जो भी हो, अंतत: पार्टी को मजबूत करना चाहिए। हमारी लोकतांत्रिक प्रतियोगिता ने सभी स्तरों पर जीवंतता जगा दी है, जो मुझे विश्वास है कि भविष्य में पार्टी की अच्छी सेवा करेगा।"
'नए सिरे से दृढ़ संकल्प के साथ लड़ा जाना चाहिए'
उन्होंने पार्टी सहयोगियों की अपनी स्वयंसेवी टीम को हमारे अभियान को जारी रखने के लिए असंभव बाधाओं के खिलाफ उनके अद्भुत प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और मुख्य चुनाव प्राधिकरण, मधुसूदन मिस्त्री और उनके सहयोगियों को इसे संभव बनाने के प्रयासों के लिए बधाई दी। थरूर ने कहा, "हमारे गणतंत्र के संस्थापकों की ओर से परिकल्पित उज्जवल लोकतांत्रिक भविष्य के लिए राष्ट्र का नेतृत्व करना हमारा कर्तव्य है। एक बहुलवादी, समृद्ध और समतावादी भारत के आदर्शो ने महात्मा गांधी, नेहरू जी और डॉ अंबेडकर को प्रेरित किया, हमारे सबसे कीमती मूल्यों पर सत्ताधारी दल और उसकी ताकतों के हमले का सामना करने के लिए नए सिरे से दृढ़ संकल्प के साथ लड़ा जाना चाहिए।"
थरूर ने 9,000 से अधिक वोटों में से 1,072 हासिल किए
गौरतलब है कि थरूर ने कुल 9,000 से अधिक वोटों में से 1,072 वोट हासिल किए, जो 12 प्रतिशत है। संयोग से, पिछली बार इसी तरह का चुनाव हुआ था, जब जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तब उन्हें कोई खास वोट नहीं मिले थे। उससे पहले मराठा नेता शरद पवार और राजेश पायलट ने भी एआईसीसी के आधिकारिक उम्मीदवार सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन कुछ खास निशान नहीं छोड़ पाए। इसकी तुलना में, थरूर को इस बात पर गर्व हो सकते हैं कि उन्होंने एक बड़ी छाप छोड़ी और चार अंकों (1,072 ) के वोट हासिल किए।
Latest India News