अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। 22 जनवरी यानी आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। रामभक्तों को लंबे समय तक इस खास दिन का इंतजार था। इस बीच कांची कामकोटि पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री विजयेंद्र सरस्वती जी महाराज ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित, धर्म हित और विश्व के कल्याणार्थ जब भी कोई पहल होती है, तो आपसी सभी मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना ही भारतीय संस्कृति और परंपरा है। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती जी महाराज राम नगरी अयोध्या पहुंचे और यह संदेश दिया।
शंकराचार्य ने कही ये बात
शंकराचार्य के सचिव गजानंद कांड़े ने इस बीच बताया कि जगद्गुरु ने कहा कि हमारे देश में जब-जब राष्ट्रहित की दिशा में कोई पहल हुई है। तब-तब लोग आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आगे आए हैं। यही हमारी संस्कृति है। इसी तरह धर्म हित की पहल होने पर भी मतभेदों को भुलाकर एकता का संदेश देना भारत की गौरवशाली परंपरा रही है। गजानंद कांड़े के अनुसार जगद्गुरु शंकराचार्य ने यह भी कहा कि विश्व कल्याण के लिए पहल होने पर भी भारत का प्रत्येक नागरिक आपसी मतभेद भुलाकर दुनिया को एकता का संदेश देता है।
विश्व को देना चाहिए एकता का संदेश
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में राष्ट्र अथवा धर्म हित की हर पहल में विश्व का हित स्वत: निहित रहता है। इसलिए ऐसे विशेष अवसरों पर हमें सामंजस्य बनाकर विश्व को एकता का संदेश देना चाहिए। यही युगधर्म है। उन्होंने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण एक वैश्विक चेतना का आधार बनेगा। बता दें कि अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10.30 बजे पहुंचेंगे। इसके बाद 12.05 बजे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। बता दें कि इस दौरान पीएम मोदी भगवान राम को काजल लगाएंगे और शीशा दिखाएंगे। इस दौरान मंत्रोच्चार के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया को संपन्न कराया जाएगा।
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