छतरपुर कोतवाली पर पथराव करवाकर फंस गया शहजाद अली? DM और SP ने दिए बड़े बयान
मध्य प्रदेश के छतरपुर मे पुलिस स्टेशन पर पथराव के आरोपी हाजी शहजाद अली की क्राइम कुंडली को पुलिस पूरी तरह खंगाल रही है और माना जा रहा है कि उसके ऊपर प्रशासन का शिकंजा और कस सकता है।
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में सिटी कोतवाली पर हुए पथराव के बाद प्रशासन का रवैया सख्त है और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को प्रशासन ने शहजाद अली के आलीशान मकान पर बुलडोजर चलवाया था। लगभग 20 हजार वर्ग फुट में बनी करोड़ों रुपये की इस बहुमंजिला इमारत को जमींदोज कर दिया गया था। इस मामले में शहजाद अली की भूमिका और उसके इर्द-गिर्द हो रही जांच को लेकर शहर के एसपी और डीएम ने बड़े बयान दिए हैं। उन्होंने कहा है कि शहजाद अली की क्रिमिनल हिस्ट्री की जांच के नतीजे सामने आने के बाद उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
‘शहजाद अली की गतिविधियां सही नहीं थीं’
छतरपुर जिले के कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने इस केस के बारे में इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि हाजी शहजाद अली ने भीड़ को भड़काया तो पुलिस वाले घायल हुए और अब उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘शहजाद अली की गतिविधियां सही नहीं थीं। कई सारी सरकारी जमीनों पर भी इनके द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया था। ऐसी शिकायत मिली है कि पथराव में दूसरे राज्यों से आए लोग भी शामिल थे। यह भी शिकायत मिली है कि शहजाद ने किसी कुशवाहा की जमीन पर गैरकानूनी तरीके से घर बनवाया था। उनके दुबई कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।’
‘शहजाद के खिलाफ 302 जैसा केस भी रहा है’
जिला कलेक्टर ने कहा, ‘शहजाद के खिलाफ 302 जैसे केस भी रहे हैं। जांच में कुछ निकलकर आता है तो कार्रवाई की जाएगी। खानकाह लगाने और पैसे लेकर शिकायत सुनने के भी आरोप हैं। जांच का विषय यह भी है कि मुस्लिम समाज ने आवेदन देने के लिए शाम के 5:30 बजे का का समय लिया था लेकिन ये लोग 3:30 बजे ही आ गए जबकि उस समय पूरा पुलिस प्रशासन दूसरी रैली की कानून व्यवस्था में लगा था। असाटी और वन विभाग की जमीन पर कब्जे के आरोपीं की भी जांच की जाएगी। कई सरकारी जमीनों पर भी इनके द्वारा अवैध कब्जे की बात सामने आई है।’
‘हम उपद्रवियों को जिला बदर भी कर सकते हैं’
वहीं, इस बारे में बोलते हुए छतरपुर के एसपी अगम जैन ने कहा, ‘हाजी शहजाद अली के बैकग्राउंड की जांच की जा रही है। ये लोग बहुत ही सामान्य बैकग्राउंड से थे और इसकी पूरी जांच हो रही है। इनके बहुत से अपराधों की जानकारी मिल रही है। 1988 में एक 302 का अपराध है, आर्म्स एक्ट है, मारपीट का अपराध है। उसके परिवार में अन्य लोग जो इस प्रकरण में आरोपी हैं उन पर भी जमीनों पर कब्जा करने और लोगों को परेशान करने के आरोप हैं। हम उपद्रवी के खिलाफ NSA और जिला बदर जैसी सख्त कार्रवाई करेंगे। इसके मकान और बैंक अकाउंट स्टेटमेंट को लेकर भी जांच हो रही है।’