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Hindi News भारत राष्ट्रीय सेक्स स्कैंडल केस: प्रज्वल रेवन्ना को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी, क्या होता है 'BLUE CORNER NOTICE'

सेक्स स्कैंडल केस: प्रज्वल रेवन्ना को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी, क्या होता है 'BLUE CORNER NOTICE'

सेक्स स्कैंडल केस में फंसे पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे को गिरफ्तार किया गया है और पोते प्रज्वव रेवन्ना को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस का क्या मतलब है, जानिए-

blue corner notice- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO प्रज्वल रेवन्ना को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी

कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ.जी परमेश्वर ने रविवार को कहा कि अनेक महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है और आरोपी प्रज्वल रेवन्ना को भारत वापस लाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है।  हासन लोकसभा सीट से राजग के उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना सेक्स स्कैंडल का खुलासा होने के बाद से ही देश छोड़कर फरार चल रहा है। मंत्री ने कहा कि ‘सेक्स स्कैंडल’ की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) इस बात पर फैसला करेगा कि प्रज्वल को कैसे वापस लाया जाए। जी परमेश्वर ने कहा, "पहले ही ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है। इंटरपोल सभी देशों को सूचित करेगा और उनका पता लगाएगा।" 

क्या होता है ब्लू कॉर्नर नोटिस

किसी अपराध के संबंध में अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग निकाय द्वारा किसी व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अपने सदस्य देशों से अतिरिक्त जानकारी एकत्र करने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है।

ब्लू कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के रंग-कोड नोटिस का एक हिस्सा है जो देशों को दुनिया भर में जानकारी के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सक्षम बनाता है। 

नोटिस सात प्रकार के होते हैं - लाल, पीला, नीला, काला, हरा, नारंगी और बैंगनी।

प्रज्वल रेवन्ना के लिए क्यों जारी हुआ ब्लू कॉर्नर नोटिस

एसआईटी ने पहले भारत में इंटरपोल मामलों की नोडल संस्था सीबीआई को एक अनुरोध भेजा था, जिसमें उसके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस की मांग की गई थी।

ऐसे में नोटिस से जांच एजेंसियों की पूछताछ को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

कहा जाता है कि  प्रज्वल रेवन्ना लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन बाद 27 अप्रैल को विदेश चले गए थे। उनके वकील ने एसआईटी के सामने पेश होने के लिए सात दिन का समय मांगा था, जिस पर जांच टीम ने जवाब दिया कि यह संभव नहीं है क्योंकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

 

हाल ही में हसन में 33 वर्षीय सांसद से जुड़े स्पष्ट वीडियो क्लिप प्रसारित होने के बाद कर्नाटक सरकार ने सांसद के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।

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