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एस. सोमनाथ होंगे ISRO के नए चेयरमैन, के. सिवन की जगह लेंगे

सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

S Somanath, S Somanath ISRO Chief, S Somanath ISRO, S Somanath Rocket Scientist- India TV Hindi Image Source : PTI केंद्र सरकार ने बुधवार को एस. सोमनाथ को अंतरिक्ष विभाग का सचिव और अंतरिक्ष आयोग (ISRO) का अध्यक्ष नियुक्त किया।

Highlights

  • सोमनाथ फिलहाल विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक हैं।
  • कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति 3 साल के लिये की गई है।
  • बता दें कि सोमनाथ रॉकेट इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं।

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को एस. सोमनाथ को अंतरिक्ष विभाग का सचिव और अंतरिक्ष आयोग (ISRO) का अध्यक्ष नियुक्त किया। सोमनाथ फिलहाल विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक हैं। कार्मिक मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति 3 साल के लिये की गई है। बता दें कि सोमनाथ रॉकेट इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ हैं। वह अपने करियर के शुरूआती दौर में पीएसएलवी पर काम कर चुके हैं। सोमनाथ के. सिवन की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल शुक्रवार 14 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है।

GSLV MK-3 लॉन्चर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
सोमनाथ केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के निदेशक की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उन्होंने भारी सैटेलाइट की लॉन्चिंग के लिए GSLV MK-3 लॉन्चर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके अलावा वह पोलर सैटलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) के एकीकरण के लिए दल का नेतृत्व कर चुके हैं। वह लॉन्च व्हीकल की सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनामिक्स और पायरोटेक्निक्स के माहिर माने जाते हैं। सोमनाथ 22 जनवरी 2018 से वीएसएससी की कमान संभाल रहे थे।

IISc से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में ली मास्टर्स की डिग्री
एस सोमनाथ ने एर्नाकुलम से महाराजा कॉलेज से प्री-डिग्री प्रोग्राम पूरा किया है। इसके बाद उन्होंने केरल यूनिवर्सिटी के क्विलॉन स्थित टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन किया। ग्रैजुएशन के बाद वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज (IISc) चल गए जहां से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर की डिग्री हासिल की। साल 1985 में वह वीएसएससी के साथ जुड़े थे। जून 2010 से 2014 तक वह जीएसएलवी एमके-3 के परियोजना प्रबंधक (प्रोजेक्ट मैनेजर) रहे थे। उन्हें रॉकेट डायनेमिक्स और और कंट्रोल पर विशेषज्ञता हासिल है।

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