UP ATS के सवालों से बचती नजर आई सीमा हैदर, बोली- मैं तो सचिन के प्यार में यहां आई हूं
UP ATS दो दिनों से पाकिस्तान से भारत आईं सीमा हैदर से पूछताछ में जुटी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में सीमा हैदर किसी प्रोफेशनल की तरह एटीएस के सवालों का जवाब दे रही हैं। इससे एटीएस को शक गहराता जा रहा है।
पाकिस्तान से इंडिया आकर अपनी प्रेम कहानी और संदिग्ध वजहों के चलते लाइमलाइट में आई सीमा हैदर से यूपी एटीएस दो दिनों से पूछताछ में जुटी हुई है। हालांकि ATS की दो दिन की पूछताछ ने लगातार सीमा ने जासूस होने से साफ इंकार किया है। सीमा ने कहा- मैं कोई जासूस नहीं, मैं सचिन के प्यार में आई हूं। वहीं, ATS की टीम मोबाइल डाटा खंगाल रही। वहीं, एटीएस ने सीमा के भाई और चाचा के पाकिस्तान आर्मी में होने के लेकर कई सवाल जवाब किए। अभी तक जासूसी एंगल पर ATS के हाथ कोई बड़ा सबूत नहीं लगा है, हालांकि जांच अभी जारी है। इसके बाद आज एक बड़ी जानकारी सामने आई है कि सीमा हैदर का चाचा और भाई पाकिस्तानी आर्मी में है। सीमा का भाई आसिफ कराची में पाकिस्तानी सेना में है। वहीं, सीमा का चाचा गुलाम भी पाक सेना में पोस्टेड है।
प्रोफशनल की तरह दे रही जवाब
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, सीमा लगातार पूछताछ के दौरान ये बोलती रही कि मैं तो सचिन के प्यार में यहां आई हूं। हर सवाल का लगभग वही जवाब दिया जो अब तक नोएडा पुलिस को पूछताछ में बताया था। सूत्रों के मुताबिक, सीमा को बेहद कड़ी प्रोफेशनल ट्रेनिंग मिली हो सकती है, इसलिए पुलिस पूछताछ के दौरान साइकेट्रिस्ट को भी साथ बैठा सकती है। मंगलवार को सचिन और सीमा को कई अहम सबूतों को सामने रखकर आमने-सामने बैठाकर क्रॉस क्वेचन किए गए।
ATS की पूछताछ के बाद सीमा पर गहराया शक
- यूपी एटीएस की अभी तक कि पूछताछ में ये भी पूछा गया कि क्या तुम्हें किसी ने मोबाइल फोन पर मैसेजिंग और इंटरनेट से चैटिंग में सावधानी बरतने के लिए कहा था? (सूत्रों के मुताबिक, सीमा के मोबाइल फोन से जो चैट डिटेल बरामद हुए हैं उसमें उसने बेहद सधी और साफ भाषा का इस्तेमाल किया हुआ है। खास बात है कि चैट भी एक दम साफ हिंदी और कुछ शब्द इंग्लिश में (हिंगलिश का इस्तेमाल कर) की गई है जबकि पूछताछ में सीमा ने बताया कि उसने हिंदी और इंग्लिश जेल में बोलना सीखा है।)
- एटीएस ने पूछा कि क्या तुम कोई कोड वर्ड भी इस्तेमाल करती थी बातचीत करने के लिए ?
- दूसरा सवाल- पूछताछ में एटीएस ने ये भी पूछा कि क्या कभी फूफी’ और ‘फल’ के कोडवर्ड का भी प्रयोग किया था? (बता दें कि आईएसआई में फूफी उस शख्स को कहा जाता है जो देश से जुड़ी जानकारियां आईएसआई तक भेजने का काम करता है। वहीं, फल का नाम रुपयों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।)
- इसके बाद यूपी एटीएस ने ये भी पूछा कि तुम इतनी शुद्ध हिंदी कैसे बोल लेती हो?
- तुम्हें हिन्दू रीति रिवाज़ों के बारे में कैसे पता?
- एटीएस ने यह भी पूछा कि सीमा हैदर के नोएडा स्थित रबूपुरा गांव तक पहुंचने में किन लोगों ने मदद की। इसे लेकर वह सही जवाब नहीं दे पाई है।
- इसी दौरान यूपी एटीएस को पूछताछ में एक और महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है। सीमा ने कुछ सैन्य अधिकारियों को भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। लेकिन क्यों रिक्वेस्ट इसका भी सीधा भी वो उसने गोलमोल जवाब दिया कि उसने ये रेंडम भेजी थी, उसको नहीं पता था कि वो भारतीय आर्मी से हैं।
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