इंफाल: प्रतिबंधित विद्रोही समूह की राजनीतिक विंग रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट(RPF), नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम इसाक-मुइवा (NSCN-IM) के एक-एक एक्टिव कैडर और कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी(KCP) के 2 ओवर-ग्राउंड वर्कर को विभिन्न तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को दी।
पुलिस ने क्या कहा?
मणिपुर पुलिस ने ये बताया कि इंफाल पूर्व और बिष्णुपूर में तलाशी अभियान के दौरान 6 हथियार, 5 गोला-बारूद और 2 विस्फोटक बरामद किए गए हैं। पुलिस ने 28 अगस्त को इन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया था।
मणिपुर पुलिस ने एक ट्वीट में बताया, "राज्य पुलिस ने RPF/PLA के और NSCN(IM) के 1 सक्रिय कैडर को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा KCP के 2 ओवर ग्राउंड वर्कर्स को भी गिरफ्तार किया गया है।"
मणिपुर हिंसा पर SC ने क्या कहा?
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मणिपुर हिंसा में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच किए जा रहे आपराधिक मामलों की सुनवाई असम के गुवाहाटी में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि मणिपुर में घाटी और पहाड़ी इलाके दोनों जगहों पर पीड़ित लोग हैं। उन्होंने यह भी कहा कि, हम इस बात पर नहीं जा सकते कि ज्यादा पीड़ित कौन है। दोनों समुदाय के लोग पीड़ित हैं।
पीठ ने आगे कहा कि, 'पीड़ित और गवाह दोनों ही गुवाहाटी कोर्ट में पेश होने की जगह अपने घरों से इलेक्टॉनिक माध्यम से गवाही दे सकते हैं।
कब हुई मणिपुर में हिंसा?
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच 3 मई को हिंसा शुरू हुई। यह हिंसा ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर की एक रैली के बाद भड़की जिसे 4 चार महीनों से अधिक का समय हो गया है। अभी भी राज्य में स्थिति पूरी तरह से शांत नहीं हुई है। राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को मणिपुर में अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी है।
(इनपुट: एएनआई)
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