Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर के स्वामी आत्मानंद विद्यालय की मासूम छात्रा लवली तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे राजनीति में आए तो थे सेवा के लिए मगर पार्टी ने मुख्यमंत्री बना दिया। मुख्यमंत्री बघेल का राज्य के विधानसभा क्षेत्रों का प्रवास जारी है। इसी क्रम में वे शुक्रवार को जगदलपुर के कोंडागांव क्षेत्र के प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने माकड़ी के स्वामी आत्मानंद विद्यालय का भ्रमण किया, वे कक्षाओं में भी गए और बच्चों से संवाद किया।
बच्ची ने मुख्यमंत्री से क्या पूछा?
स्कूल के भ्रमण के दौरान जब सीएम दूसरी में पढ़ने वाली बालिकाओं के बीच थे तभी लवली तिवारी नाम की मासूम बच्ची ने उन्हें एक पोस्टर सौंपा जिसमें उसकी ओर से स्वागत सन्देश था। इसी दौरान लवली ने मासूमियत भरे अंदाज में मुख्यमंत्री से कहा मुझे आपसे एक सवाल पूछना है, मुख्यमंत्री की अनुमति मिलते ही बालिका ने अपने मन की बात पूछ डाली।
लवली ने मुख्यमंत्री बघेल से पूछा, आपको सीएम बनने की प्रेरणा किससे मिली? इस सवाल को सुनते ही मुख्यमंत्री मुस्कुराए और बोले, "बेटा मैं सेवा करने के लिए आया था, राजनीति सेवा का माध्यम है। पार्टी ने मुझे अध्यक्ष बनाया, फिर जनता ने चुन लिया, पार्टी ने सीएम बना दिया।"
सीएम ने बच्ची को दिया मंत्र
मुख्यमंत्री बघेल ने मासूम बच्ची को सीख दी कि, किसी भी क्षेत्र में रहो सेवा करना चाहिए। माता-पिता की सेवा, बड़े-बुजुर्ग की सेवा, गरीब की सेवा, मरीज की सेवा। सेवा सबसे बड़ा काम है, चाहे कहीं भी रहो सेवा करो। ऐसा नहीं कि जब बड़े हो जाओगे तभी सेवा करोगे, अभी मां के काम में हाथ बटाकर सेवा करो। घर में बुजुर्ग है तो उनकी देखभाल करके सेवा करो।
"सोचता था इंजीनियर बनूंगा"
इसी तरह दूसरी कक्षा की ही मिहिका ने मुख्यमंत्री से पूछा कि जब आप मेरी उम्र में थे तो क्या बनना चाहते थे। यह सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, जब आपकी उम्र का था तो सोचता था पढ़कर इंजीनियर बनूंगा, इंजीनियर नहीं बन पाया। फिर बड़ा हुआ तो सोचा खेती किसानी करना चाहिए। खेती किसानी करते किसान बन गया। किसानी करते करते राजनीति में आ गया।
मुख्यमंत्री बघेल जब विद्यालय की लाइब्रेरी में थे तब 11वीं की छात्रा तनिष्का झा ने भी उनसे राजनीति में आने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने ठहाका लगा दिया। बघेल बोले, कॉलेज से पढ़कर निकले तो खेती कर रहे थे, समय बचता था तो किसानों की समस्या और अन्य समस्याओं को लेकर आंदोलन भी करते थे। इस तरह राजनीति में आ गए, सोचकर नहीं आए कि मुख्यमंत्री बनना है, यह सोचकर आए थे कि जनता की सेवा करना है।
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