Sawan Last Somwar 2022: भगवान शिव के प्रिय मास सावन के आखिरी सोमवार को आज देशभर के मंदिरों में जबरदस्त भीड़ रही। देवभूमि उत्तराखंड के शिवालयों में सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। सोमवार को केदारनाथ मंदिर में भी दर्शन के लिए भक्तों की लाइन लगी रही।
वैसे तो हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी पर लोग आते और पूजा अर्चना करते हैं लेकिन आज सावन के आखिरी सोमवार के दिन यहां भारी मात्रा में लोग आए और स्नान ध्यान किया। यहां से हजारों की संख्या में आए भक्तों ने जल लेकर शिवालय में जलाभिषेक किया।
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सुबह से ही मंदिरों में उमड़ी भीड़
कहीं रात 12 तो तो कहीं तड़के चार बजे से भक्तों की अपार भक्ति के दर्शन हो रहे हैं। हरिद्वार के मंदिरों में भी श्रावण मास के आखिरी सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इसके साथ ही बिहार के पटना के शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।
वहीं बरेली के पचौमी ग्राम में स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिर 'पंचेश्वर नाथ' मंदिर में भी सावन के अंतिम सोमवार को जलाभिषेक के लिए भीड़ उमड़ी। यहां भक्तों ने कांवड़ियों की सेवा और प्रसाद वितरण के लिए भंडारा भी लगाया। मंदिर के बारे में बताते हुए वहां के पुजारी ने बताया कि, यह मंदिर महाभारत काल के दौरान का है। पांडवों ने इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की और प्रथम बार पूजन उन्होंने ही किया था।
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चांदनी चौक स्थित माता गौरी शंकर मंदिर में लोगों ने की पूजा अर्चना
इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सावन माह के चौथे व अंतिम सोमवार को चांदनी चौक स्थित माता गौरी शंकर मंदिर में लोगों ने पूजा अर्चना की।
वहीं ओडिशा दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सावन के चौथे सोमवार को भुवनेश्वर में श्री लिंगराज मंदिर में पूजा-अर्चना करने की।
सावन में आते हैं ससुराल भोलेनाथ
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव सावन के महीने में अपने ससुराल गए थे, जहां उनका धूमधाम से स्वागत कर अभिषेक किया गया था। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती भू लोक पर निवास करते हैं और यदि विधि-विधान से उनका पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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