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Hindi News भारत राष्ट्रीय कर्नाटक में स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर पर पुलिस के आदेश पर मचा बवाल, भड़क गए बीजेपी विधायक

कर्नाटक में स्वतंत्रता सेनानियों के पोस्टर पर पुलिस के आदेश पर मचा बवाल, भड़क गए बीजेपी विधायक

ADG के फैसले की आलोचना करते हुए बीजेपी विधायक अभय पाटिल ने कहा कि आलोक कुमार को बेलगावी का इतिहास मालूम नहीं है।

Savarkar Poster Row, Savarkar Poster Row Karnataka, Karnataka Savarkar- India TV Hindi Image Source : TWITTER.COM/MAHANTESHMAGAN2 बेलगावी में वीर सावरकर का एक पोस्टर।

बेलगावी: कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से वीर सावरकर की तस्वीरों और पोस्टरों पर बवाल मचा हुआ है। इस बीच कुछ दक्षिणपंथी संगठनों और बीजेपी नेताओं ने सूबे के बेलगावी में सार्वजनिक स्थानों पर जवाहरलाल नेहरू और वीर सावरकर समेत स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाने के पहले इजाजत लेने के पुलिस के आदेश की आलोचना की है। ADG (लॉ ऐंड ऑर्डर) आलोक कुमार ने कहा कि बेलगावी में स्थानीय निगम निकाय से अनुमति लेने के बाद ही लोग सार्वजनिक स्थानों पर स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें लगा सकते हैं।

तनाव के चलते आया ADG का यह आदेश
कुमार ने कहा था, ‘यदि कोई बाल गंगाधर तिलक की तस्वीर लगाना चाहता है तो हमें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर तस्वीरों, चाहे वह जवाहर लाल नेहरू की हो, या सुभाषचंद्र बोस,भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर की, का इस्तेमाल करने से लिए व्यक्ति को स्थानीय निकाय से इजाजत लेनी होगी।’ माना जा रहा है कि ADG ने बेलगावी में गणेश पंडालों में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाने पर कुछ स्थानों पर तनाव पैदा हो जाने के मद्देनजर यह आदेश जारी किया था।


‘ADG को बेलगावी का इतिहास मालूम नहीं है’
ADG के इस फैसले की आलोचना करते हुए बीजेपी विधायक अभय पाटिल ने कहा कि आलोक कुमार को बेलगावी का इतिहास मालूम नहीं है इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया। विधायक ने कहा कि पूरे दक्षिण भारत में सबसे पहले बेलगावी में 1905 में बालगंगाधर तिलक ने गणेश की मूर्ति स्थापित की, तब से गणेश पंडालों में तिलक का फोटो लगाने की परंपरा चल पड़ी। पाटिल ने सवाल किया, ‘क्या अनुमति, कैसी अनुमति? तिलक और सावरकर की तस्वीर लगाने के लिए हमें किसकी अनुमति लेनी होगी?’

‘क्या हम अफजल गुरु का फोटो लगा रहे हैं’
पाटिल ने आगे कहा, ‘क्या हम अफजल गुरू का फोटो लगा रहे हैं? हम दशकों से उनकी तस्वीरें लगा रहे हैं। जब पहले ऐसी अनुमति की जरूरत नहीं थी तो अब उसकी क्या जरूरत पड़ गयी?’ उन्होंने कहा कि बेलगावी की परंपरा चलती रहेगी और किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं है क्योंकि जिले के लोग ‘कायर’ नहीं हैं। दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने भी पुलिस के आदेश की निंदा की है। मुतालिक ने कहा, ‘श्रीमान ADG, हम किस देश में रह रहे हैं?’

‘ADG माफी मांगें और आदेश वापस लें’
मुतालिक ने कहा, ‘क्या आपको पता नहीं है कि सावरकर और तिलक उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने हमें आजादी दिलायी?’ उन्होंने मांग की कि ADG माफी मांगें और अपना आदेश वापस ले। इस बीच, दावणगेरे जिले के होन्नाली में कुछ स्थानों पर स्थानीय बीजेपी विधायक रेणुकाचार्य के साथ सावरकर और तिलक की तस्वीर वाले पोस्टरों को शरारती तत्वों द्वारा फाड़ दिये जाने के बाद तनाव फैल गया। दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों ने पोस्टर फाड़ने वालों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए एक थाने के बाहर प्रदर्शन किया।

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