दिल्ली हाई कोर्ट से अरविंद केजरीवाल की रिहाई की रोक लगने पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को झूठे केस में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फंसाया है। संजय राउत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया, क्योंकि लोगों को विश्वास था। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें जेल में डाल दिया गया। अरविंद केजरीवाल, झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, दिल्ली से दो या तीन अन्य मंत्री और मुंबई में ईडी और सीबीआई ने कुछ लोगों को झूठे मामलों में फंसाया है।
केजरीवाल पर ये है दोष- राउत
उद्धव गुट के शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा कि विधानसभा में अरविंद केजरीवाल के पास पूर्ण बहुमत है। अरविंद केजरीवाल का दोष यह है कि उन्होंने देश की राजधानी में नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी को बार-बार हराया और उन्हें सफल नहीं होने दिया। इस खेल में ईडी, सीबीआई और पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सबूतों के बिना गिरफ्तारी कैसे अवैध?
संजय राउत ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में पीएम नरेंद्र मोदी की तानाशाही को समाप्त करने का आदेश दिया गया। ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग के कारण बीजेपी बहुमत से वंचित रह गई। राउत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के केस से पता चलता है कि सबूतों के बिना गिरफ्तारी कैसे अवैध है? कोर्ट में मेरे मामले में भी ऐसा ही हुआ है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल, संजय राउत, अनिल देशमुख, नवाब मलिक, हेमन्त सोरेन, मनीष सिसौदिया और सत्येन्द्र जैन किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी हो लेकिन हम सबूत दे रहे हैं।
महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था ध्वस्त
कोयता गिरोह के मामले पर राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है। सरकार गुंडों के हाथ में है, जो गुंडों को पालते हैं। अब उनकी सरकार है। वे मंत्रालय की छठी मंजिल से चुनाव जीतने के लिए जेल कैसे जाते हैं? टेंडर कैसे निकाला जाता है? इन गुंडों का इस्तेमाल लोकसभा चुनाव में जरूर किया गया है। इसी वजह से कोयता गैंग और उसका सरगना ऊपर छठी मंजिल पर बैठे हैं।
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