Sanjay Raut: ED द्वारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में गिरफ्तार किए गए शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार को केंद्रीय एजेंसी पर कई आरोप लगाए हैं। राउत ने एक स्पेशल कोर्ट के समक्ष कहा कि हिरासत के दौरान एजेंसी ने उन्हें एक ऐसे कमरे में रखा जिसमें न तो खिड़की थी और न ही वेंटिलेशन के लिए कोई रास्ता था। शिवसेना नेता ने गुरुवार को PMLA से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान स्पेशल कोर्ट के जज एम. जी. देशपांडे के समक्ष यह बात कही।
कोर्ट से राउत को नहीं मिली कोई राहत
कोर्ट ने हालांकि राउत को कोई राहत नहीं दी और उनकी ED हिरासत की अवधि 8 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी। बता दें कि ED ने गोरेगांव में पात्रा ‘चॉल’ के रीडिवेलपमेंट में पैसे की गड़बड़ियों और उनकी पत्नी तथा कथित सहयोगियों के संपत्ति से जुड़े वित्तीय लेनदेन के संबंध में राउत को रविवार की आधी रात गिरफ्तार कर लिया था। अदालत ने राउत को सोमवार को 4 अगस्त तक ED की हिरासत में भेज दिया था। हिरासत की अवधि खत्म होने पर एजेंसी ने गुरुवार को उन्हें स्पेशल कोर्ट में पेश किया जहां से उनकी हिरासत की अवधि बढ़ा दी गयी।
‘हमने तो राउत को AC कमरे में रखा था’
सुनवाई के दौरान जब अदालत ने शिवसेना नेता से पूछा कि क्या उन्हें ED के खिलाफ कोई शिकायत है तो जवाब में कहा कि ऐसा कुछ खास नहीं है। हालांकि, उन्होंने इतना जरूर कहा कि उन्हें जिस कमरे में रखा गया, उसमें कोई खिड़की नहीं थी और हवा के अंदर और बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं था। कोर्ट ने ED से इस बात के लिए स्पष्टीकरण मांगा है। केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर ने कहा कि राउत को एक AC कमरे में रखा गया था और इसलिए वहां कोई खिड़की नहीं थी।
ED ने अदालत को दिया आश्वासन
राउत ने बाद में अदालत से कहा कि हालांकि वहां ‘AC’ की व्यवस्था है, लेकिन वह अपनी स्वास्थ्य स्थिति के चलते इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते। ED ने तब अदालत को आश्वासन दिया कि उन्हें उचित तरीके से हवा की आवाजाही वाले कमरे में रखा जाएगा। ED ने सोमवार को अदालत को बताया था कि शिवसेना सांसद और उनके परिवार को मुंबई में एक ‘चॉल’ के रीडिवेलपमेंट प्रोजेक्ट में कथित अनियमितताओं के चलते एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली थी।
Latest India News