हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद को लेकर विवाद गरमा गया है। संजौली में अवैध रूप से बनी मस्जिद को लेकर पिछले कई दिनों से हिंदू संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है। यह विवाद अब सदन तक पहुंच चुका है। इसको लेकर विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।
'मोहब्त की दुकान' में नफरत ही नफरत
इस बीच, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल सरकार पर हमला बोला है। ओवैसी ने कहा कि क्या हिमाचल की सरकार बीजेपी की है या कांग्रेस की है? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफरत ही नफरत है।
कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का कोई अधिकार नहीं - CM सुक्खू
संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन पर सीएम सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा, 'हमारा किसी समुदाय को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है। हम राज्य में कोई भी घटना नहीं होने देंगे। राजनीतिक विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं, लेकिन किसी भी राजनीतिक कार्यकर्ता को राज्य में कानून-व्यवस्था बिगाड़ने का कोई अधिकार नहीं है। हमारे स्थानीय विधायक और मंत्री वहां बातचीत कर रहे हैं।'
कानून अपने हाथ में लेने की नहीं दी जाएगी इजाजत
असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, 'संविधान के मुताबिक, भारत में कोई भी कहीं भी रह सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी समुदाय का कोई भी व्यक्ति परेशान न हो। हम इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।'
ये है पूरा मामला
बता दें कि हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने गुरुवार को विधानसभा के पास चौड़ा मैदान में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और संजौली में एक अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की। देव भूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने सनातनियों से शिमला में इकट्ठा होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि राज्यभर के लोगों ने उनके आह्वान पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और ‘सनातन एकता’ का प्रदर्शन किया।
मस्जिद को गिराने की मांग
मलाणा क्षेत्र में एक सितंबर को एक व्यवसायी पर कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हमला कर दिया था, जिसके चलते गुरुवार को यह प्रदर्शन किया गया। घटना के तुरंत बाद लोग संजौली के बाहर मलाणा क्षेत्र में इकट्ठा हुए और वहां एक मस्जिद को गिराने की मांग की।
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