क्या है संजौली मस्जिद विवाद? आखिर शिमला में क्यों इतने आक्रोशित हैं हिंदू संगठन
शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। क्यों हिंदू संगठन विरोध जता रहे हैं, क्या है पूरा मामला?
शिमला: संजौली इलाके में मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण को लेकर बुधवार को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और प्रदर्शन के दौरान लोग पुलिस से भी भिड़ गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिसे लोगों ने तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे। लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन चलाया और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच इस बीच जबर्दस्त झड़प भी हुई। भीड़ ने 'हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है' और 'भारत माता की जय' जैसे नारे लगाए गए।
बुधवार को यह विरोध प्रदर्शन शिमला के संजौली में स्थित एक मस्जिद में अतिरिक्त मंजिलों के कथित अवैध निर्माण के विरोध में हुआ। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें शांतिपूर्वक और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाए बिना अपना विरोध जाहिर करना चाहिए। सीएम ने यह भी कहा था कि संजौली मस्जिद में कथित अवैध निर्माण के मुद्दे की सुनवाई स्थानीय नगरपालिका अदालत कर रही है और कानून अपना काम करेगा।
क्या है ये पूरा विवाद?
संजौली इलाके में बनी मस्जिद का विस्तार करने के उद्देश्य से इसके परिसर में 2007 के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था और साल 2010 में मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, पिछले 14 वर्षों में मस्जिद पर चार नई मंजिलें बना दी गईं और मस्जिद चार मंजिला हो गई। इस मामले को लेकर नगर निगम द्वारा 44 बार सुनवाई की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।पिछले महीने कुछ लोगों ने दावा किया कि उनकी जमीन पर मस्जिद का विस्तार किया जा रहा है और इसे लेकर दो समुदायों के बीच अनबन हो गई और इसे लेकर विवाद शुरू हो गया। विवाद धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि यह पांच मंजिला मस्जिद चर्चे में आ गई।
हिंदू संगठनों ने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पास स्थित चौरा मैदान में मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का दावा था कि मस्जिद की चार मंजिलें अवैध हैं, इसकी शिकायत के 10 साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मांग के साथ ही इस अवैध मस्जिद को तुरंत ढहाने की मांग की जाने लगी।
कांग्रेस के मंत्री के बयाान से शुरू हुआ विवाद
इस विवाद में हिमाचल की कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी कूद पड़े और उन्होंने भी आरोप लगाया कि संजौली में मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है और इसके निर्माण की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि, 'बिना मंजूरी के निर्माण शुरू कर दिया, यह एक अवैध ढांचा था। इसपर पहले, एक मंजिल बनाई गई, फिर बाकी मंजिलें बनाई गईं। संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है। चोरियां हो रही हैं, झगड़े हो रहे हैं, लव जिहाद एक और गंभीर मुद्दा है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है और यह हमारे देश और राज्य के लिए खतरनाक है।
ओवैसी ने कसा तंज
अनिरुद्ध सिंह के बयान का खुद उनकी पार्टी के ही कुछ विधायकों ने विरोध जताया। इसके अलावा, हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अनिरुद्ध सिंह के बयान पर आश्चर्य जताते हुए पूछा कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार चला रही है या कांग्रेस? उन्होंने अपने X हैंडल से अनिरुद्ध सिंह के भाषण का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'हिमाचल की मोहब्बत की दुकान में सिर्फ नफरत है! इस वीडियो में हिमाचल के मंत्री बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं।'
विक्रमादित्य सिंह ने कहा-कार्रवाई की जाएगी
संजौली इलाके में एक मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के मामले पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह का कहना है, ''यह मामला काफी समय से लंबित है. जहां तक अवैध इमारतों के निर्माण का सवाल है, सरकार ने संज्ञान लिया है.'' इसके बारे में मैंने विधानसभा में भी दृढ़ता से कहा है कि इस पर निर्णय आते ही कानून के दायरे में कार्रवाई की जाएगी, अगर यह अवैध पाया गया तो इसे ध्वस्त कर दिया जाएगा कानून की प्रक्रिया। हम चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में शांति का माहौल बना रहे...''