Samyukt Kisan Morcha: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आज सोमवार को दावा किया कि ट्विटर ने केंद्र सरकार के निर्देशों पर कृषि आंदोलन से जुड़े करीब 12 अकाउंट बंद कर दिए हैं। एसकेएम ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अधिकारियों आर. बी. श्रीकुमार और संजीव भट्ट की रिहाई की भी मांग की, जिन पर 2002 के गुजरात सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने का आरोप लगाया गया है।
एसकेएम ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने ट्विटर पर केंद्र पर सवाल उठाने के लिए इन अकाउंट को बंद करने के लिए दबाव डाला है। ट्विटर से इस संबंध में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। एसकेएम ने एक बयान में कहा, "ट्विटर ने भारत में करीब 12 ट्विटर अकाउंट बंद कर दिए हैं, जिसमें ट्विटर हैंडल किसानएकता मोर्चा शामिल है, जो कृषि आंदोलन से जुड़ा है।"
'किसान विरोधी कदम उठाने के लिए आपातकाल के दिन को चुना'
बयान में कहा गया है, "इस संदर्भ में अहम बात यह है कि केंद्र सरकार ने यह किसान विरोधी कदम उठाने के लिए आपातकाल के दिन को चुना। 25/26 जून 1975 की रात जब देश में आपातकाल लगाया गया था, भारत के लोकतंत्र में एक काला दिन माना जाता है।" एसकेएम ने कहा, "हम यह भी मांग करते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़, आर. बी. श्रीकुमार और संजीव भट्ट को बिना शर्त रिहा किया जाए और गुजरात दंगों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाए।"
इससे पहले किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया था कि कई कृषि संगठनों, मजदूर संघों और छात्रों ने शुक्रवार को 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ देशभर में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किए। एसकेएम) ने कहा कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में व्यापक प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे और जिला व मंडल मुख्यालयों में ज्ञापन सौंपे गए। बता दें कि एसकेएम ने सशस्त्र सैन्य बलों में शामिल होने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए 'अग्निपथ' योजना को देश के साथ किया एक बड़ा धोखा करार दिया।
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