आज नवरात्र का अहम दिन नवमी है, आज मां दुर्गा में आस्था रखने वाले तमाम हिंदू पूरे विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं। मां दुर्गा को इस दिन कई तरह के भोग भी चढ़ाए जाते हैं। लेकिन हम आपको एक ऐसे मंदिर और एक ऐसी देवी की महिमा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको भोग में लड्डू, पेड़े और फल नहीं बल्कि पकौड़े और समोसे चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही इस मंदिर में देवी को चटनी और रोटी का भी प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह अनूठा मंदिर मध्य प्रदेश के दतिया जिले में है। यहां की पीतांबरा शक्तिपीठ में धूमावती देवी के मंदिर में भजिया, समोसा और कचोरी चढ़ाया जाता है।
'माना जाता है तांत्रिक देवी'
दतिया में पीतांबरा शक्तिपीठ और यहां स्थित है धूमावती देवी का मंदिर इन्हें तांत्रिक देवी माना गया है, जो श्याम वर्ण हैं और सफेद रंग की साड़ी पहने हुए हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए इनके दर्शन वर्जित हैं। मान्यता है कि किसी का सम्मोहन कराना हो या उच्चाटन, तो इसके लिए धूमावती का खास अनुष्ठान किया जाता है। यह तांत्रिक देवी हैं इसलिए इन्हें भोग के तौर पर मीठा नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि नमकीन पदार्थों का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही सफेद रंग के पुष्प चढ़ाए जाते हैं।
नवरात्र में होते हैं खास अनुष्ठान
इतना ही नहीं नवरात्र के मौके पर तमाम लोग यहां आकर अपनी सफलता की कामना करते हैं। इस मौके पर देशभर के अलग-अलग हिस्सों के राजनेताओं के अलावा तमाम बड़े लोगों की मौजूदगी रहती है और वे अनुष्ठान भी करते हैं, ताकि उनके सारे काम पूरे हो जाएं और विरोधी को भी आसानी से शिकस्त दे सकें।
शनिवार को होती है खास पूजा
स्थानीय लोगों की मानें तो जब भी कोई बड़ी विपदा आती है तो धूमावती के दरबार में जाकर विशेष पूजा अर्चना की जाती है और अपनी मनोकामना की पूर्ति की आराधना की जाती है, वैसे इस मंदिर में देवी को चटनी और रोटी का भी प्रसाद चढ़ाया जाता है। संभवत यह देश की इकलौती देवी होंगी जिन्हें नमकीन प्रसाद चढ़ाया जाता है, यही कारण है कि शनिवार के दिन शक्तिपीठ के आसपास सड़क पर समोसे, कचौड़ी और मंगोड़ी बनाने वालों की सैकड़ों दुकानें लगी रहती हैं। वैसे तो इस मंदिर में हर रोज पूजा होती है मगर शनिवार को यहां खास अनुष्ठान होते हैं।
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