नई दिल्ली: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने प्रस्ताव में कहा है, 'ज्वाइंट मीटिंग की एकमत राय है कि समलैंगिक विवाह के मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए और विविध सामाजिक-धार्मिक पृष्ठभूमि के हितधारकों के एक स्पेक्ट्रम को ध्यान में रखते हुए, यह सलाह दी जाती है कि यह सक्षम विधायिका द्वारा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक समूहों को शामिल करते हुए एक विस्तृत परामर्श प्रक्रिया के बाद निपटाया जाए।'
इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली के अध्यक्ष और एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने कहा, 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सभी प्रतिनिधियों का मानना था कि भारत जैसे देश में समलैंगिक विवाह को हम मान्यता नहीं दे सकते। इससे हमारे देश की मूलभूत संरचना पर बुरा असर पड़ेगा। हम सुप्रीम कोर्ट में IA(अंतर्वर्ती आवेदन) फाइल करेंगे और इसका विरोध करेंगे।'
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग संबंधी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई होनी है लेकिन शुक्रवार देर रात एक बयान जारी कर ये बात कही गई थी कि जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एस. रविंद्र भट उपलब्ध नहीं है, जिसकी वजह से सुनवाई नहीं हो सकेगी। सुनवाई वाली पीठ में इन दोनों जस्टिस के अलावा डीवाई चंद्रचूड़, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा भी शामिल हैं।
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