मुंबई: बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने मंगलवार को जांच आयोग को बताया कि ‘एंटीलिया’ मामले में गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में गुजरा समय उसके जीवन का ‘सबसे दर्दनाक समय’ था और दावा किया कि उसने कई दस्तावेजों पर ‘दबाव में’ हस्ताक्षर किए। एकल सदस्यीय आयोग के समक्ष जिरह में वाजे ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की वकील के एक सवाल का जवाब देते हुए यह दावा किया।
राज्य सरकार ने देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए मार्च में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के यू चांदीवाल आयोग का गठन किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख भी मंगलवार को आयोग के सामने पेश हुए। पूर्व गृह मंत्री कथित धन शोधन मामले में गिरफ्तारी के बाद से 15 नवंबर से न्यायिक हिरासत में हैं।
दोपहर करीब 12 बजे देशमुख को आयोग के समक्ष पेश किए जाने के बाद उनकी वकील अनीता कैस्टेलिनो ने कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दिया। कैस्टेलिनो ने कहा कि उन्हें निर्देश मिला है कि मामले में एक वरिष्ठ अधिवक्ता हिस्सा लेंगे। आयोग ने 13 दिसंबर तक के लिए स्थगन दिया लेकिन 15,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर ‘‘मुख्यमंत्री राहत कोष-कोविड 19’’ में राशि जमा करने का निर्देश दिया।
इसके कुछ ही मिनट बाद, देशमुख और वकील कैस्टेलिनो ने अनुरोध किया कि उन्हें सचिन वाजे से कुछ सवाल करने की अनुमति दी जाए। आयोग ने अनुमति दे दी क्योंकि अन्य पक्षों के वकीलों द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई। देशमुख की वकील कैस्टेलिनो के एक सवाल के जवाब में कि क्या एनआईए की हिरासत में किसी तरह का दबाव या असहज स्थिति थी, वाजे ने कहा, ‘‘हां, बिल्कुल।’’ वाजे ने कहा, ‘‘यह मेरे जीवन का सबसे ज्यादा मानसिक आघात देने वाला समय था।’’
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वाजे ने कहा कि हिरासत के दौरान एनआईए उसका ‘‘उत्पीड़न और अपमान’’ कर रही थी। साथ ही कहा, ‘‘मैं कहता हूं कि मैं अब भी सदमे में हूं।’’ वाजे ने यह भी दावा किया कि उसने ‘‘एनआईए अधिकारियों के दबाव में’’ विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। वाजे से पूछताछ बुधवार को भी जारी रहेगी।
Latest India News