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Hindi News भारत राष्ट्रीय जयशंकर की दो टूक, 'पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग खत्म, हम निष्क्रिय नहीं, प्रतिक्रिया का देंगे जवाब'

जयशंकर की दो टूक, 'पाकिस्तान के साथ बातचीत का युग खत्म, हम निष्क्रिय नहीं, प्रतिक्रिया का देंगे जवाब'

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली में एक किताब के मोचन पर पड़ोसी देशों के साथ संबंध पर अपनी बात रख रहे थे। जयशंकर ने कहा कि मालदीव के साथ भारत के दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहा है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर- India TV Hindi Image Source : ANI विदेश मंत्री एस जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार को दिल्ली में एक किताब के मोचन में शामिल हुए। यहां पर उन्होंने भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर खुलकर बात की और पड़ोसी देश को दो टूक जवाब भी दिया है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बराबार बातचीत का युग समाप्त हो चुका है। सभी कामों के परिणाम होते हैं। जहां तक ​​जम्मू-कश्मीर का संबंध है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया गया है। इसलिए आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस प्रकार के संबंधों पर विचार कर सकते हैं। 

हम निष्क्रिय नहीं- एस जयशंकर

जयशंकर ने साफ कहा, 'मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं... घटनाएं चाहे सकारात्मक दिशा में जाएं या नकारात्मक, हम किसी भी तरह से प्रतिक्रिया करेंगे।'  

पाकिस्तान ने पीएम मोदी को SCO बैठक में इस्लामाबाद बुलाया

विदेश मंत्रलाय कार्यालय के अनुसार, दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच पाकिस्तान ने अक्टूबर में इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधिकारिक रूप से आमंत्रित किया है।

अफगान नीति पर खुल कर बोले एस जयशंकर

किताब के विमोचन समारोह में अफगानिस्तान पर बोलते हुए विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कहा, 'सामाजिक स्तर पर लोगों के बीच संबंध मजबूत हैं। आज अपनी अफगान नीति की समीक्षा करने के बाद, हम अपने हितों के बारे में बहुत स्पष्ट हैं। हम अपने सामने मौजूद विरासत में मिली बुद्धिमत्ता से भ्रमित नहीं हैं। हमें यह समझना चाहिए कि अमेरिका की उपस्थिति वाला अफगानिस्तान, अमेरिका की उपस्थिति के बिना वाले अफगानिस्तान से बहुत अलग है।'

मालदीव के प्रति हमारे दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव

मालदीव और बांग्लादेश के बारे में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि माले के प्रति हमारे दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहे हैं। यहां एक निश्चित स्थिरता की कमी है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें हम बहुत गहराई से निवेशित हैं। मालदीव में यह मान्यता है कि यह संबंध एक स्थिर शक्ति है।

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