Russia Ukraine News: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में राजनीतिक समर्थन मांगा। जेलेंस्की ने मोदी से कहा कि हमारी जमीन पर एक लाख से अधिक ‘आक्रमणकारी’ हैं। यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को ट्वीट कर पीएम मोदी से बातचीत की जानकारी दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी को रूस की आक्रामकता को लेकर यूक्रेन के रुख की जानकारी दी। एक लाख से अधिक रूसी आक्रमणकारी हमारे देश में हैं। वो आवासीय भवनों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं। हमने भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में समर्थन देने का अनुरोध किया है।
बता दें कि, भारत ने चीन और यूएई की तरह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव के दौरान मतदान नहीं किया था, जबकि 11 सदस्यों ने रूस के खिलाफ वोटिंग की थी। रूस ने सुरक्षा परिषद में भारत के रुख की सराहना की है। प्रधानमंत्री मोदी की इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन से बातचीत हो चुकी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात की। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने जारी संघर्ष के कारण जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की। PM मोदी हिंसा की तत्काल समाप्ति और बातचीत के लिए अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों के लिए हर तरह से योगदान करने की भारत की इच्छा व्यक्त की।
PMO ने ये भी कहा कि, प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की गहरी चिंता से भी उन्हें(यूक्रेन के राष्ट्रपति) अवगत कराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को तेजी से सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन के अधिकारियों द्वारा सुविधा प्रदान करने की मांग भी की। उधर अमेरिकी विदेश मंत्री, एंटनी ब्लिंकन ने शनिवार को कहा कि, रूस के अकारण और अनुचित युद्ध से खुद को बचाने में मदद करने के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग यूक्रेन को तत्काल सैन्य सहायता में अतिरिक्त $350 मिलियन प्रदान करेगा।
यूक्रेन पर हमले वाले दिन पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन कर बात की थी। भारत कूटनीति और बातचीत के माध्यम से इसका हल निकालने की बात करता रहा है। भारत और रूस दोनों एक-दूसरे के करीबी हैं। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को अब लगने लगा है कि भारत सुलह में अहम भूमिका निभा सकता है। रूस के साथ अपने संबंधों को देखते हुए भारत ने इस मामले में बीच का रास्ता बनाए रखा है। भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के आक्रमण पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रस्ताव पर मतदान में भी भाग नहीं लिया। वह अपने पुराने दोस्त के खिलाफ बोलने को बिल्कुल तैयार नहीं है।
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