रूस यूक्रेन युद्ध के बीच फंसे भारतीय छात्र धीरे धीरे वतन को लौट रहे हैं। रात दिन गोलीबारी, बमबारी और मिसाइल हमलों के बीच भय के माहौल में रहे इन छात्रों में नरौरा के अतुल भी शामिल थे। अतुल ने स्वदेश वापसी पर अपना अनुभव साझा किया तो लोग कांप उठे।
अतुल ने बताया कि टर्नोपिल से पढ़ाई कर रहे कई छात्र उनके साथ ही पोलैंड की सीमा की तरफ चल पड़े थे। उनके टर्नोपिल से रवाना होने के बाद ही वहां धमाके होने लगे। शुक्र है कि वो पोलैंड की सीमा पर पहुंचे जहां उन्हें सुरक्षित किया गया।
लेकिन यूक्रेन और पोलैंड की सीमा पर वो तीन दिन रहे और इन तीन दिनों में वो काफी परेशान हुए। पोलैंड की सीमा में घुसने के लिए कई किलोमीटर की लंबी लाइन लगी है। काफी चैकिंग हो रही है। हालांकि पोलैंड के अधिकारी अच्छे थे, उन्होंने छात्रों को पोलैंड में ही पढ़ाई जारी करने का ऑफर भी दिया लेकिन अतुल और उनके साथियों को वतन लौटना था।
वहां तापमान काफी कम था और सीमा पर इंतजार कर रहे भारतीय छात्रों को ठिठुर कर तीन दिन वहीं गुजारने पड़े।
अतुल ने यूक्रेन की फौज पर भी कमेंट किया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की फौज उनके काफिले को कहीं भी रोक देती थी। कोई भी वजह बनाकर उन्हें वापस पीछे की तरफ धकेल दिया जाता था, जिससे परेशानी बढ़ जाती थी।
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