आज भी लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित, सभी दलों के नेताओं की बुलाई गई बैठक रही बेनतीजा
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने दोपहर 1 बजे बैठक बुलाई है। अपने कक्ष में सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है। लोकसभा अध्यक्ष लगातार सदन में गतिरोध दूर करने के प्रयास कर रहे हैं।
राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान और अडाणी समूह पर जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जारी घमासान के कारण मंगलवार को भी लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हो पाया। दोनों पक्षों की तरफ से किए जा रहे हंगामे और नारेबाजी के कारण लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्पीकर बिरला की ओर से बुलाई गई बैठक हुई खत्म
सदन को चलाने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पहल की। स्पीकर बिरला ने दोपहर 1 बजे बैठक बुलाई। अपने कक्ष में सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। लोकसभा अध्यक्ष सभी दलों के नेताओं के साथ बातचीत कर संसद का गतिरोध तोड़ने की कोशिश की। हालांकि, बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। बैठक में कांग्रेस से अधीर रंजन और टीएमसी से सौगत राय थे। बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष लगातार सदन में गतिरोध दूर करने के प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को भी ओम बिरला ने आसन से सदन चलाने की अपील की थी। बाद में कई दलों के नेताओं के साथ अलग-अलग चर्चा भी की थी।
हंगामे-नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल को चलाने का प्रयास
मंगलवार को सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही अडाणी मसले पर जेपीसी के गठन की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए विपक्षी सांसद वेल में आ गए। वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी से माफी की मांग को लेकर बीजेपी के सांसद अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे और नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल को चलाने का प्रयास किया।
दोनों पक्षों की तरफ से हंगामा और नारेबाजी जारी रही
उन्होंने नारेबाजी कर रहे बीजेपी सांसदों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने और वेल में आकर हंगामा कर रहे सांसदों से अपनी-अपनी सीट पर वापस जाकर सदन में प्रश्नकाल को चलने देने का बार-बार आग्रह किया। बिरला ने यह भी कहा कि वे प्रश्नकाल के बाद बोलने का मौका देंगे, इसके बावजूद दोनों पक्षों की तरफ से हंगामा और नारेबाजी जारी रही। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लगातार छह कामकाजी दिनों तक लोकसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही बाधित रही और कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो सका।
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