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Hindi News भारत राष्ट्रीय RSS कार्यकर्ता हत्या: हाईकोर्ट का मामले को NIA कोर्ट में स्थानांतरित करने से इनकार, याचिका खारिज

RSS कार्यकर्ता हत्या: हाईकोर्ट का मामले को NIA कोर्ट में स्थानांतरित करने से इनकार, याचिका खारिज

हत्या के आरोपी इरफान पाशा और अन्य ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सात दिसंबर 2016 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके अनुसार मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी। 

Karnataka High Court- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Karnataka High Court

चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली कर्नाटक हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता आर.रुद्रेश की हत्या के आरोपी की ओर से दायर एक आपराधिक अपील को मंगलवार को खारिज कर दिया जिसमें इस मामले को विशेष एनआईए अदालत से सत्र अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था। 

हत्या के आरोपी इरफान पाशा और अन्य ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सात दिसंबर 2016 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके अनुसार मामले की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दी गई थी। इससे पहले निचली अदालत ने गैरकानूनी गतिविधि निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप को हटाने का आवेदन को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को बरकार रखा था।

इसके बाद आरोपी ने एनआईए अधिनियम की धारा 20 के तहत निचली अदालत का रुख किया और मामले को विशेष एनआईए अदालत से सामान्य सत्र अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। निचली अदालत ने आवेदन को खारिज कर दिया और फिर हाईकोर्ट के समक्ष अपील की गई। इस अपील की खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति बी.वीरप्पा और न्यायमूर्ति पी.कृष्ण भट की पूर्ण पीठ ने कहा कि निचली अदालत द्वारा एनआईए अधिनियम की धारा 20 के तहत जारी किया गया आदेश शुद्ध रूप से एक मध्यस्थ आदेश है। 

मध्यस्थ आदेश वह होता है जो मुकदमा शुरू होने और समाप्त होने के बीच जारी किया जाता है लेकिन उससे कार्यवाही प्रभावित नहीं होती। एनआईए अधिनियम की धारा 21 के तहत किसी मध्यस्थ आदेश पर हाईकोर्ट में अपील दायर नहीं की जा सकती। इसके साथ ही पूर्ण पीठ ने आरोपी की अपील खारिज कर दी। आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश की बेंगलुरु में 16 अक्टूबर 2016 को हत्या कर दी गई थी।

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