RSS का बड़ा बयान- भारत पहले से हिंदू राष्ट्र है, आज भी है, हरदम रहेगा
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबाले ने कहा कि राष्ट्र के नाते हम हिंदू हैं, भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है और आज भी है, हिंदू राष्ट्र का एहसास कराने का कार्य संघ करता आ रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तरफ से एक बड़ा बयान सामने आया कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है, आज भी है, हरदम रहेगा। यह बात मंगलवार को आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबाले ने गुजरात के भुज में कही। दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्र के नाते हम हिंदू हैं, भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है और आज भी है, हिंदू राष्ट्र का एहसास कराने का कार्य संघ करता आ रहा है।
"अयोध्या आने के लिए लोगों को आमंत्रित करेगा RSS"
आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक 5 नवंबर से गुजरात के भुज में चल रही थी। तीन दिन के कार्यकारिणी मंडल में जिन विषयों पर चर्चा हुई उन्हें पत्रकारों के सामने रखते हुए दत्तात्रेय होशबाले ने कहा, "अयोध्या में 22 जनवरी को रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। आरएसएस लोगों को अयोध्या आने के लिए घर-घर जाकर निमंत्रित करेगा। यह अभियान 1 जनवरी से 15 जनवरी तक व्यापक रूप से चलाया जाएगा। हर गांव और हर घर में आरएसएस के स्वयंसेवक जाएंगे और वह रामलाल का चित्र, अयोध्या के मंदिर का चित्र और अक्षत देकर लोगों को अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के लिए निमंत्रित करेंगे।"
"आरएसएस अपने प्रशिक्षण वर्ग में बदलाव करने जा रहा है"
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबाले ने बताया कि आरएसएस अपने प्रशिक्षण वर्ग में बदलाव करने जा रहा है। आरएसएस का जो ट्रेनिंग कैंप होता है, वह सामान्यतः तीन सप्ताह का होता है। नागपुर में 25 दिन का होता है, उसमें परिवर्तन करने की संघ ने योजना बना ली है। स्वयंसेवक 15/20 दिन कैंप में रहते हैं। अब उन्हें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देने के लिए सेवा प्रकल्पों में ले जाया जाएगा।
"दक्षिण भारत को अलग करने की साजिश बनाए गए हैं"
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होशबाले ने आगे कहा कि किसी भी प्रकार के भेदभाव को भूलकर राष्ट्र सर्वोपरि यानी नेशन फर्स्ट होना चाहिए। अब क्या है दक्षिण भारत अलग और उत्तर भारत अलग है, कुछ लोग दक्षिण भारत को अलग करने की साजिश बनाए हैं। कटिंग द साउथ इस प्रकार का पॉलिटिकल और इंटेलेक्चुअल फील्ड के लोगों ने प्रयत्न किया है।
RSS का शताब्दी वर्ष किस तरह से मनाया जाएगा?
आरएसएस के कार्यकारिणी मंडल में आरएसएस शताब्दी वर्ष किस तरीके से मनाएगा इस पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि आरएसएस शताब्दी वर्ष के संबंध में पांच आयामों- सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण की रक्षा, स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य पर विशेष कार्य करेगा।
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