Rishi Sunak : ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के चुनाव को लेकर चल रही खींचतान आज शाम को तब खत्म हो गई जब लिज ट्रस ने भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को चुनाव में हरा दिया। यह खबर जितनी दुखदाई ब्रिटेन में ऋषि सुनक के समर्थकों के लिए थी, उससे कहीं ज्यादा दुख भारत को सुनक के हारने से हुआ। पूरा भारत चाह रहा था कि भारतीय मूल के सुनक ही ब्रिटेन के अगले पीएम हों। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं।
आज सुनक की हार से सबसे ज्यादा दुखी भारत का एक रईस परिवार है और वह परिवार है उद्योगपति नारायण मूर्ति का जो इंफोसिस के सह-संस्थापक हैं। दरअसल, ऋषि सुनक भारतीय उद्योगपति नारायण मूर्ति और सुधा मुर्ती के दामाद हैं। नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति के साथ ऋषि सुनक की शादी हुई है। साल 2009 में दोनों की शादी हुई थी।
इतने वोट से हार गए सुनक
ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस ने भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को कंजरवेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए मुकाबले में हराया और अब वह प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन का स्थान लेंगी। ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी। इसके साथ ही, 10 डाउनिंग स्ट्रीट में शीर्ष पद संभालने के लिए सुनक का ऐतिहासिक अभियान खत्म हो गया। चुनाव में 82.6 प्रतिशत वोटिंग हुई जिसमें सुनक को 60,399 वोट जबकि ट्रस को 81,326 वोट मिले।
2014 में पहली बार राजनीति में कदम रखा
ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों की वोटिंग के पांचों राउंड में ऋषि सुनक ने लिज ट्रस को मात दी थी। माना जा रहा है कि बोरिस जॉनसन खुद ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने के पक्ष में नहीं थे। लकिन भारतीय मूल के ऋषि सुनक कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों की अंतिम वोटिंग में पीछे रह गए और लिज ट्रस को जीत मिली।
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथेम्पटन में हुआ था। उनकी मां का नाम ऊषा सुनक और पिता का नाम यशवीर सुनक था। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दादा-दादी पंजाब के रहने वाले थे। 1960 में वह अपने बच्चों के साथ पूर्वी अफ्रीका चले गए थे। बाद में यहीं से उनका परिवार इंग्लैंड शिफ्ट हो गया। तब से सुनक का पूरा परिवार इंग्लैंड में ही रहता है।
ऋषि सुनक ने 2014 में पहली बार राजनीति में कदम रखा। 2015 में उन्होंने रिचमंड से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2017 में उन्होंने एक बार फिर जीत मिली। इसके बाद 13 फरवरी 2020 को उन्हें इंग्लैंड का वित्त मंत्री बनाया गया। इसी साल ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर तमाम तरह के आरोप लगे तो ऋषि सुनक ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद लगातार जॉनसन कैबिनेट के कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया।
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