नयी दिल्ली: देशभर में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस परेड देखने आने वाले लोगों को इस बार राजपथ का नया रूप देखने को मिलेगा, क्योंकि सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम तेजी से चल रहा है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत राजपथ का पुनर्विकास का काम चल रहा था, जिसके अनुकूल इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पहले के मुकाबले अधिक खूबसूरत नजर आएगा। हालांकि, परेड देखने आने वाले लोगों को अब राजपथ पर लाल रेत पथ के स्थान पर नए फुटपाथ देखने को मिलेंगे, क्योंकि 94,600 मीटर चलने योग्य रास्ते बन गए हैं।
साथ ही 422 नई पत्थर की बेंचें लगाई गई हैं और राजपथ के बगल में बहने वाली नहरों पर अब 16 पुल बनेंगे। फिलहाल परेड के मद्देनजर भी कुछ अस्थायी पुल भी बनाए गए हैं। गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाले लोगों को अब साइन बोर्ड भी बदले नजर आएंगे। राजपथ पर 114 आधुनिक साइन बोर्ड लगाए गए हैं। वहीं खूबसूरत 133 प्रकाश स्तंभ भी नजर आएंगे, जिससे राजपथ पहले के मुकाबले कई अधिक खूबसूरत नजर आएगा।
पर्यटकों और आम जनमानस लोग पैदल चलने के मद्देनजर राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच राजपथ के किनारे 900 से अधिक प्रकाश स्तंभ लगाए गए हैं। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत देश के नए संसद भवन और कई नए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाना है। गणतंत्र दिवस के मौके पर आने वाले लोगों को राजपथ के किनारे गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के तस्वीरें नजर आएंगी, जिन्हें 500 से अधिक कलाकरों ने मिलकर तैयार किया है। इन तस्वीरों को 75 मीटर के 10 स्क्रोल्स में तैयार किया है। इससे पहले केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मिडिया से बात करते हुए इस प्रोजेक्ट के तहत जानकरी साझा भी की थी।
उन्होंने बताया था, कोरोना महामारी के बावजूद इस प्रोजेक्ट के लगभग सभी कार्य पूरे किए जा चुके हैं। वहीं प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के दौरान 25 पेड़ों को अपनी जगह हटाया गया, 22 पेड़ों को दूसरी जगह ले जाया गया है और तीन को यहां लगाया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए एक सीढ़ीदार उद्यान भी होगा जहां लोग आ सकते हैं और बैठ सकते हैं। वहीं हरियाली को अधिक बढ़ाया गया है, इसके तहत कुल 4087 पेड़ शामिल रहेंगे।
इसके अलावा पार्किंग की सुविधा बढ़ा दी गई है और अब एक ही समय में 50 बसें और 1,000 वाहन रखे जा सकेंगे। एवेन्यू में अब चार अंडरपास भी होंगे। वहीं कुल 162 डस्टबिन भी रखे जाएंगे जिनके लिए पत्थरों से ढांचा तैयार किया गया है। लोगों के बैठने के लिए भी पत्थर के बेंच भी बनाए गए हैं। साथ ही बारिश के दौरान पानी निकासी और बिजली के तारों के लिए भी तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। 880 इलेट्रिक मेनहोल्स और 611 मेनहोल्स बनाए गए हैं।
जानकारी के अनुसार, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का काम कुल 85.3 हेक्टेयर में चल रहा है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में संसद भवन के साथ साथ प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के आवास का भी निर्माण किया जा रहा है। दरअसल, सितंबर 2019 में घोषित सेंट्रल विस्टा पुनरुद्धार प्रोजेक्ट में 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता वाले एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई। हालांकि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में केंद्र सरकार को विपक्ष की आलोचना का शिकार भी होना पड़ा।
इनपुट- आईएएनएस
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