टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा नहीं रहे। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। रतन टाटा को हाल ही में उम्र संबंधी परेशानी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रतन टाटा के निधन पर पूरे देश और दुनिया भर में शोक जताया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की तमाम हस्तियों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी है। अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी रतन टाटा कोे श्रद्धांजलि दी है। आडवाणी ने ये भी बताया है कि रतन टाटा से उनका आखिरी संवाद कब हुआ था।
रतन टाटा ने अमिट छाप छोड़ी- आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को कहा कि भारत के व्यापारिक घरानों में से उन्होंने टाटा की सबसे अधिक प्रशंसा की है क्योंकि रतन टाटा ने अपार समर्पण, दूरदर्शिता और निष्ठा के साथ ग्रुप को कई दशकों तक गौरव दिलाया। आडवाणी ने कहा कि रतन टाटा ने भारतीय उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
रतन वास्तव में जेआरडी टाटा के योग्य उत्तराधिकारी- आडवाणी
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि रतन टाटा उद्योग जगत के दिग्गजों में से एक थे। आडवाणी ने ये भी कहा कि रतन टाटा वास्तव में दिवंगत जेआरडी टाटा के योग्य उत्तराधिकारी साबित हुए। लालकृष्ण आडवाणी ने बताया कि रतन टाटा से उन्हें कई मौकों पर बातचीत करने का अवसर मिला।
कब हुआ था आखिरी संवाद?
लालकृष्ण आडवाणी ने जानकारी दी है कि रतन टाटा से उनका आखिरी संवाद इस साल फरवरी में हुआ था। आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित होने पर रतन टाटा ने उन्हें एक पत्र लिखा था। आडवाणी ने कहा कि देश श्री रतन टाटा का ऋणी रहेगा। वह वास्तव में एक महान व्यक्ति थे। उनकी आत्मा को शांति मिले। (इनपुट: भाषा)
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