Randeep Surjewala: राज्यसभा में बुधवार को उपसभापति हरिवंश ने कांग्रेस सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला को सदन की कार्यवाही की मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग करने से रोकते हुए इसे डिलीट करने और सोशल मीडिया पर नहीं डालने का निर्देश दिया। उच्च सदन में एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे जब बैठक शुरू हुई तो उपसभापति हरिवंश ने सामूहिक संहार के हथियार और उनकी डिलीवरी सिस्टम (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन बिल पर चर्चा शुरू कराने की कोशिश की।
पीयूष गोयल ने भी मोबाइल फोन से रिकॉर्डिंग किए जाने का किया विरोध
उन्होंने इस क्रम में पहले कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल और फिर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) सदस्य पी. विल्सन का नाम पुकारा। इसी बीच, विपक्ष के कई सदस्य विभिन्न मुद्दों पर नारा लगाते हुए आसन के सामने आ गए। हंगामे के बीच हरिवंश ने कांग्रेस सदस्य सुरजेवाला से कहा कि वह सदन की कार्यवाही की मोबाइल फोन पर रिकॉर्डिंग नहीं करें। उन्होंने कहा कि ऐसा करना सदन के नियमों के विरूद्ध है। सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी विपक्षी सदस्य द्वारा मोबाइल फोन से रिकार्डिंग किए जाने का विरोध करते हुए आसन से मांग की कि सुरजेवाला को यह रिकॉर्डिंग डिलीट करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित
इस पर उपसभापति ने कहा, ‘‘वह इस बात को रिकॉर्ड पर कह रहे हैं कि जिन लोगों ने भी (मोबाइल फोन पर) रिकॉर्डिंग की है, वे इसे डिलीट करें।’’ उन्होंने कहा कि सदन के नियमों के तहत सदस्य यहां का वीडियो नहीं बना सकते। हरिवंश ने सदस्यों से कहा, ‘‘आप (सदन में की गई रिकार्डिंग को) सोशल मीडिया पर नहीं दे सकते है। आप सदन की इंसल्ट कर रहे हैं, इसे बाहर नहीं दे सकते।’’ बता दें कि विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक शुरू होने के महज कुछ ही मिनट के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
नायडू ने भी सांसदों से की थी अपील
इससे पहले राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू ने सदन के सदस्यों को चेतावनी दी थी कि वे राज्यसभा की कार्यवाही को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड न करें। उन्होंने कहा था कि राज्यसभा की कार्यवाही को रिकॉर्ड करना और इसे सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करना संसदीय विशेषाधिकार का उल्लंघन हो सकता है और ये मामला सदन की अवमानना का हो सकता है।
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