अयोध्या: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। नवनिर्मित मंदिर सज चुका है। कार्यक्रमे में भाग लेने के लिए अथिति अयोध्या धाम पहुंचने लगे हैं। मंदिर किसी राजा के महल से कम नहीं लग रहा है। मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा सोमवार दोपहर 12:30 बजे शुरू होगी। उससे पहले सुबह से ही पूरे अयोध्या में एक अलग ही छटा बिखर जाएगी।
50 से ज्यादा वाद्ययंत्रों का होगा वादन
इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के वाद्ययंत्रों की धुनें माहौल को और भी भक्तिमय बनायेंगी। राम मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातःकाल 10 बजे से 'मंगल ध्वनि' का भव्य वादन होगा। 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से, लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे।
इसमें उत्तर प्रदेश से पखावज, बांसुरी और ढोलक, कंरातक से वीणा, पंजाब से अलगोजा, महाराष्ट्र से सुंदरी, उड़ीसा से मर्दल, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तम्बूरा, दिल्ली से शहनाई, राजस्थान से रावणहत्था, पश्चिम बंगाल से श्रीखोल और सरोद, तमिलनाडु से नागस्वरम, तवील और मृदंगम, आंध्र प्रदेश से घटम, झारखंड से सितार, गुजरात से संतार, बिहार से पखावज और उत्तरखंड से हुड़का का वादन किया जाएगा।
यतीन्द्र मिश्र इस कार्यक्रम के संयोजक
राम मंदिर जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने बताया कि अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र इस भव्य मंगल वादन के परिकल्पनाकार और संयोजक हैं, जिसमें केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली ने सहयोग किया है। यह भव्य संगीत कार्यक्रम हर भारतीय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक है, जो प्रभु श्री राम के सम्मान में विविध परंपराओं को एकजुट करता है।
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