अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में उत्सव का माहौल है। सभी की भावनाएं उमड़-उमड़कर बाहर आ रही हैं। रामभक्तों की आंखों में ख़ुशी के आंसू हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों की आंखें उस समय डबडबा आईं, जब उन्होंने अपने रामलला के दर्शन किए। कार्यक्रम स्थल पर लोग जय सियाराम के नारे लगा रहे थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे भगवान राम वनवास के बाद अयोध्या लौटे हों। उनका सभी नगरवासी स्वागत कर रहे हों।
500 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे राम
जिन लोगों ने राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था, वह आज बेहद ही खुश दिख रहे थे। तमाम संत-महात्मा आज बोलना तो बहुत कुछ चाह रहे थे, लेकिन उनका गला रुंधा हुआ था। कंठ से शब्द नहीं निकल रहे थे। बस सबके मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि आज 500 वर्ष एक बाद रामलला अपने घर आये हैं। लोग कह रहे थे कि सतयुग में राम को केवल 14 वर्षों का वनवास मिला था, लेकिन कलयुग में रामलला 500 वर्षों के बाद अपनी अयोध्या लौटे हैं।
साध्वी निरंजन ज्योति और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी नृत्य करने लगीं
वहीं जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई, तब वहां मौजूद केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी नृत्य करने लगीं। वहीं इससे पहले जब साध्वी ऋतंभरा और उमा भारती मिलीं तो वे एक-दूसरे के गले लगकर रोने लगीं। आज पूरी अयोध्या में यही माहौल है। हर कोई सड़कों पर अपने रामलला का स्वागत कर रहा है। पूरे अयोध्या में राममई छठा दिख रही है। हवा में वाद्ययंत्रों की ध्वनि है। हर कोई रामलला दर्शन के लिए आतुर है।
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने मन के भाव प्रकट करते हुए कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। ये क्षण अलौकिक है और ये समय दर्शाता है कि प्रभु राम का आशीर्वाद हमारे साथ है। 22 जनवरी केवल एक तारीख नहीं है बल्कि नए कालचक्र का उद्गम है। निर्माण कार्य देखकर देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें राम का मंदिर मिला है।
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