Rajya Sabha election: राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों के लिए बीजेपी ने एक और कांग्रेस ने तीन प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस की तरफ से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। वहीं बीजेपी की ओर से घनश्याम तिवाड़ी कैंडिडेट हैं। इसके अलावा बीजेपी ने चौथी सीट के लिए निर्दलीय उतरे सुभाष चंद्रा को अपना समर्थन दे दिया है। जिसके चलते राजस्थान में कांग्रेस के तीसरे कैंडिडेट की राह कठिन हो गई है।
जीत के लिए 41 वोटों की ज़रूरत
दरअसल, राजस्थान विधानसभा में कुल 200 विधायक हैं। ऐसे में एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 41 वोट की ज़रूरत होगी। बीजेपी के पास 71 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 109 विधायक हैं। इस तरह बीजेपी के घनश्याम तिवाड़ी की 41 वोट के साथ जीत पक्की है। इसके बाद 30 वोट बचेंगे। इस तरह बीजेपी के समर्थन के बाद सुभाष चंद्रा को जीत के लिए सिर्फ 11 वोट की जरूरत होगी।
राजस्थान में निर्दलीय सुभाष चंद्रा बिगाड़ सकते हैं कांग्रेस का गणित
कांग्रेस के पास 109 विधायकों के अलावा 13 निर्दलीय, 2 सीपीएम और दो बीटीपी के विधायक हैं। वहीं तीन विधायक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हैं। बीजपी के समर्थन से निर्दलीय चुनाव में उतरे सुभाष चंद्रा का गणित है कि बीजेपी के बचे 30 वोटों के अलावा 3 RLD, 2 बीटीपी और 6 निर्दलीय विधायक उनके साथ आ जाएंगे।
हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा से डरी कांग्रेस
वहीं हरियाणा में कायदे से एक सीट बीजेपी के खाते में है तो दूसरी सीट कांग्रेस के, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा का जजपा और निर्दलियों के समर्थन से मैदान में आने से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है। कांग्रेस ने हरियाणा से पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं जो कांग्रेसी प्रत्याशी के जीत के लिए काफी हैं, लेकिन कांग्रसे को खतरा क्रॉस वोटिंग से हैं।
क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस ने विधायकों को दिल्ली बुलाया
इस बार राजस्थान के रास्ते बीजेपी के समर्थन से सुभाष चंद्रा ऊपरी सदन में जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो वहीं हरियाणा में कार्तिकेय के पास बीजेपी, जजपा, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है। दोनों ही राज्यों में कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है, उसे देखते हुए कांग्रेस को डर इस बात की है कि कहीं क्रॉस वोटिंग ना हो जाए, इसलिए दिल्ली में पार्टी ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।
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