Rajya Sabha Election Result: राज्यसभा में बीजेपी को इतनी सीटों का नुकसान, जानिए किस पार्टी को मिली बढ़त
Rajya Sabha Election Result: उच्च सदन में सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों की संख्या मौजूदा 95 से घटकर 92 हो गई है, जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 29 से थोड़ा बढ़कर 31 हो गई है।
Highlights
- राज्यसभा से 57 सदस्य हो रहे सेवानिवृत्त
- वाईएसआर-कांग्रेस की सीटें बढ़कर हुईं 9
- समाजवादी पार्टी की सीटें 5 से घटकर 3 हुईं
Rajya Sabha Election Result: राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद संसद के उच्च सदन में सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों की संख्या मौजूदा 95 से घटकर 92 हो गई है, जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 29 से थोड़ा बढ़कर 31 हो गई है। राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में शुक्रवार को चार राज्यों-राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर देखी गई, जहां बीजेपी ने 57 सीट में से 22 पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गईं।
सेवानिवृत्त हो रहे 57 सदस्यों में से बीजेपी के 25 सदस्य और कांग्रेस के 7 सदस्य हैं। ये सभी सदस्य अगले महीने सेवानिवृत्त हो जाएंगे और उनकी जगह नए सदस्य आएंगे। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने नए और युवा चेहरों पर भरोसा जताया, जिनमें से कुछ को पहली बार दलों ने मनोनीत किया है।
बीजेपी के संख्या बल में चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं
ऊपरी सदन में युवा चेहरों को नामित करने वाली कांग्रेस अब अधिक ताकत के साथ आगामी दिनों में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगी। बीजेपी के संख्या बल में चार मनोनीत सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने सत्तारूढ़ दल के साथ रहने का विकल्प चुना है। बीजेपी को 7 और मनोनीत सदस्यों का समर्थन प्राप्त होगा। ये 7 सीटें फिलहाल खाली हैं।
बीजेपी को निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा का भी समर्थन प्राप्त होगा, जिनका पार्टी ने हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान समर्थन किया। बीजेपी ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा का भी समर्थन किया था, जो इस बार राजस्थान से हार गए। चंद्रा का मौजूदा कार्यकाल 1 अगस्त को खत्म हो रहा है। अन्य क्षेत्रीय दलों में आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर-कांग्रेस की ताकत मौजूदा 6 से 9 सीट की हो गई है, जबकि दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 10 सदस्य उच्च सदन में होंगे।
कई क्षेत्रीय दलों की ताकत पहले की तरह ही है
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), बीजू जनता दल (बीजद), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), जनता दल-यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना जैसे क्षेत्रीय दलों की ताकत पहले की तरह है। इन दलों के उतने ही उम्मीदवार जीते हैं, जितने उनके सेवानिवृत्त हुए हैं। राज्यसभा में द्रमुक के 10, बीजद के 9, टीआरएस के 7, जदयू के 5, एनसीपी के 4 और शिवसेना के 3 सदस्य हैं।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों की संख्या क्रमश: 13 और 5 है। राज्यसभा में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के वर्तमान में पांच सदस्य हैं, लेकिन आगे चार सदस्य होंगे, क्योंकि पार्टी के दो उम्मीदवार जीते हैं, जबकि तीन सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं।
सपा की सीटें पांच से घटकर हुई तीन
समाजवादी पार्टी की ताकत राज्यसभा में मौजूदा पांच से घटकर तीन हो गई है, क्योंकि उसने अपनी सीट निर्दलीय कपिल सिब्बल और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को दी है। राष्ट्रीय जनता दल का अब एक और सदस्य होगा, जिससे उसके सदस्यों की मौजूदा संख्या पांच से बढ़कर छह हो जाएगी। बहुजन समाज पार्टी का अब ऊपरी सदन में अब केवल एक सदस्य होगा। बसपा के अभी तीन सदस्य हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सदस्यों की संख्या दो हो जाएगी। वर्तमान में दो सदस्यों वाले शिरोमणि अकाली दल का अब राज्यसभा में कोई प्रतिनिधि नहीं होगा, क्योंकि उसके सभी सदस्य सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और कांग्रेस से दो नेता पी चिदंबरम और जयराम रमेश, कपिल सिब्बल (निर्दलीय), मीसा भारती (राजद), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी) और संजय राउत (शिवसेना) चुने जाने के बाद फिर से राज्यसभा लौटने वाले कुछ प्रमुख नाम हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और इमरान प्रतापगढ़ी भी राज्यसभा में होंगे, जबकि पार्टी के नेता मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन और प्रमोद तिवारी पहले भी सांसद रह चुके हैं।